झारखंड पंचायती राज अधिनियम में संशोधन की मांग, विधायकों के लिए PESA पर कार्यशाला कराने का आग्रह

रांची: झारखंड जनाधिकार महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्य की पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह से मुलाकात कर पंचायती राज अधिनियम (JPRA) में PESA के प्रावधानों को शामिल करने और नियमावली की खामियों को सुधारने की मांग की। महासभा ने इसके लिए एक विस्तृत संशोधन प्रस्ताव भी मंत्री को सौंपा और विधायकों के लिए PESA कानून पर कार्यशाला आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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JPRA में PESA प्रावधानों को जोड़ने की मांग

महासभा ने मंत्री के समक्ष यह स्पष्ट किया कि PESA के प्रावधान तभी प्रभावी रूप से लागू हो सकते हैं जब उन्हें झारखंड पंचायती राज अधिनियम, 2001 (JPRA) में शामिल किया जाए। वर्तमान में JPRA में PESA के अधिकांश प्रावधान सम्मिलित नहीं हैं, जिससे इसकी मूल भावना और उद्देश्य प्रभावित हो रहे हैं। महासभा का कहना है कि बिना मूल कानून में संशोधन किए नियमावली बनाना उचित नहीं होगा, क्योंकि इससे कानून का पर्याप्त बल नहीं मिलेगा।

नियमावली में कई खामियां, कानूनों में भी संशोधन की जरूरत

महासभा के प्रतिनिधियों ने मंत्री से कहा कि वर्तमान PESA नियमावली के ड्राफ्ट में कई गंभीर खामियां हैं, खासकर भूमि, सामुदायिक संसाधन, लघु खनिज, वन उपज और पुलिस व वन विभाग के अधिकारों को लेकर। इसके अलावा, कई अन्य कानूनों में PESA के अनुरूप संशोधन की आवश्यकता है, जैसे कि:

  • Jharkhand Rights to Fair Compensation and Transparency in Land Acquisition, Rehabilitation and Resettlement Rules, 2015

  • झारखंड नगरपालिका अधिनियम, 2011

  • केंदु पत्ता (व्यापार-नियंत्रण) अधिनियम, 1973

  • झारखंड राज्य बालू खनन नीति, 2017

महासभा का मानना है कि इन कानूनों में संशोधन करके ग्राम सभा के अधिकारों को मजबूत किया जाना चाहिए, जिससे स्थानीय समुदायों को अधिक स्वायत्तता मिले।

PESA कानून पर विधायकों के लिए कार्यशाला की जरूरत

प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से आग्रह किया कि राज्य के सभी विधायकों के लिए PESA कानून पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जाए। महासभा के अनुसार, PESA को लेकर कई भ्रांतियां फैली हुई हैं, जिन्हें दूर करने के लिए विधायकों को इसकी पूरी जानकारी दी जानी चाहिए।

मंत्री ने दिया सकारात्मक आश्वासन

पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने महासभा की मांगों को गंभीरता से सुना और प्रस्तावों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि PESA के प्रावधानों को बेहतर ढंग से लागू करने और नियमावली की खामियों को सुधारने के लिए सरकार उचित कदम उठाएगी।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख सदस्य

महासभा के प्रतिनिधिमंडल में दिनेश मुर्मू, एलिना होरो, जेम्स हेरेंज, जॉर्ज मोनिपल्ली, रिया तुलिका पिंगुआ, सिराज, सिसिलिया लकड़ा और टॉम कावला शामिल थे।

झारखंड में PESA कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पंचायती राज अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता है। महासभा ने सरकार को JPRA में संशोधन, PESA नियमावली की खामियों को सुधारने और विधायकों के लिए कार्यशाला आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य सरकार इन मांगों पर कब तक और किस हद तक अमल करती है।

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