झारखंड के ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी अब गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पतालों तक आने-जाने की जरूरत नहीं होगी। राज्य में संचालित सभी 3968 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में शीघ्र ही प्रसव की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह कदम स्वास्थ्य सुविधाओं को गांव और मोहल्लों तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित होगा।
स्वास्थ्य विभाग ने दिए निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज ने सभी सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर आरोग्य मंदिरों में गैप असेस्मेंट करने और आवश्यक संसाधनों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह निर्णय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के 13 दिसंबर को विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान दिए गए निर्देशों के आलोक में लिया गया है।
आरोग्य मंदिरों में सामान्य प्रसव की सुविधा
आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सामान्य प्रसव की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए कम्युनिटी हेल्थ अफसर, एएनएम और एमपीडब्ल्यू को तैनात किया जाएगा। प्रारंभिक जांच में अगर सिजेरियन की आवश्यकता पाई जाती है या गर्भवती महिला को कोई अन्य जटिलता होती है, तो उसे हायर सेंटर रेफर किया जाएगा।
मुफ्त दवाएं और जांच की सुविधा
आरोग्य मंदिरों में गर्भवती महिलाओं को 14 प्रकार की मुफ्त जांच और 58 प्रकार की मुफ्त दवाएं मिलेंगी। जांच में गर्भावस्था परीक्षण, मूत्र जांच, मधुमेह, मलेरिया, डेंगू, एचआईवी, हेपेटाइटिस, और अन्य कई बीमारियों की जांच शामिल हैं। साथ ही, आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर सामान्य बीमारियों के उपचार की सुविधा भी दी जाएगी।
महिलाओं को मिलेगा घर के पास इलाज
इस पहल से गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों को राहत मिलेगी, क्योंकि अब उन्हें प्रसव के लिए दूर के अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़ेगा। यह सुविधा उन्हें उनके घर के पास ही मिल सकेगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
जल्द शुरू होगी प्रक्रिया
विभाग ने इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में यह सुविधा शुरू करने के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है। इस पहल से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार होगा।
झारखंड सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं को स्थानीय स्तर पर मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे ना केवल गर्भवती महिलाओं को राहत मिलेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच भी बेहतर होगी।