दिल्ली पुलिस ने जामताड़ा से 14 साइबर ठगों को किया गिरफ्तार..

‘हैल्लो, क्या आप जामताड़ा से बोल रहे हैं?’ अगर आपके पास भी कभी कार्ड ब्लॉक, बैंक अकाउंट ब्लॉक, एटीएम हेडक्वार्टर या एसबीआई की मेन ब्रांच से फोन कॉल आए तो उस शख्स से ये सवाल जरूर पूछिएगा। हालांकि इसका जवाब शायद वो शख्स आपको ना दे लेकिन इसकी बहुत अधिक संभावना है कि ये फोन कॉल आपको जामताड़ा से ही आया होगा। अगर आप भी ये शब्द पहली बार सुन रहे हैं तो बता दें कि जामताड़ा, पूर्वी झारखंड में स्थित एक जिला है, जो अब फिशिंग उद्योग के केंद्र के तौर पर उभर रहा है। बहुचर्चित जामताड़ा जिले पर एक वेब सीरीज ‘जामताड़ा-सबका नंबर आएगा’ भी बनी है जिसे आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं।

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को झारखंड के जामताड़ा से 14 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन साइबर जालसाजों का पूरा जाल देश के 9 राज्यों में फैला था और यह गैंग अब तक कई लोगों से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुका था। बड़ी बात यह है कि ये साइबर जालसाज यूपीआई पेमेंट से संबंधित फ्रॉड किया करते थे। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसके साइबर सेल ने छापेमारी के बाद झारखंड के जामताड़ा से 14 साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए ये जालसाज 9 राज्यों के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज 36 मामलों से जुड़े हैं। उन्होंने 36 मामलों में करीब 1.2 करोड़ रुपये की ठगी की। उन्होंने रोजाना 4-5 लोगों को ठगने की बात स्वीकार की।

दिल्ली पुलिस साइबर सेल के डीसीपी अन्येश रॉय ने बताया कि साइबर प्रहार पार्ट-2 में हमने साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट जामताड़ा बेल्ट को निशाना बनाया है। इसमें जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह, जमुई है। हमने बड़े पैमाने पर एक्शन लिया है। वहां से 14 लोगों को गिरफ्तार किया है जो फ्रॉड का बहुत बड़ा गैंग चला रहे थे। उन्होंने बताया की ये ये यूपीआई पेमेंट से संबंधित फ्रॉड करते हैं, जिसमें तकनीकी के इस्तेमाल से लोगों पर दबाव बनाते हैं कि वे यूपीआई पेमेंट कर दें। इसके लिए वे केवाईसी अपडेशन के नाम पर, सिम या बैंक अकाउंट ब्लॉक कराने के नाम पर फ्रॉड करते हैं।

गिरफ्तार लोगों में हाइप्रोफाइल साइबर ठग अल्ताफ उर्फ रॉकस्टार शामिल हैं। इससे साइबर ठगी के 36 केस सुलझने का दावा किया जा रहा है। पुलिस ने इनसे 2 करोड़ की संपत्ति और 20 लाख की SUV भी जब्त की है. बताया जा रहा है कि साइबर ठगी में लिप्त ये लोग जंगलों में बैठकर लोगों को ठगते हैं। सब हैरान हैं कि शहर में बैठे पढ़े-लिखे लोगों को आखिर चूना कैसे लगाते हैं। यहां से दिल्ली और यूपी से लेकर अंडमान निकोबार तक लोगों को निशाना बनाया जा चुका है।

इस गैंग का एक मैम्बर हर रोज कम से कम 40 लोगों को कॉल करता था, जिसमें चार से पांच लोग फंस जाते थे। इसके अलावा इन चौदह लोगों में एक आरोपी मास्टर जी उर्फ गुलाम अंसारी हैं, जो फर्जी वेबसाइट बनाने में माहिर था। वह इन वेबसाइट्स को गूगल ऐड के जरिए पुश करता था। इस गैंग के लोग पुलिस से बचने के लिए छोटे-छोटे मॉड्यूल में काम कर रहे थे। ये लोग गाजियाबाद के लोनी, कलकत्ता और लखनऊ से भी काम कर रहे थे। पुलिस ने इनके 400 फोन भी ब्लॉक करवा दिए हैं।

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