झारखंड में बाबा धाम समेत अन्य मंदिर और धार्मिक स्थल फिलहाल नहीं खुलेंगे। बुधवार को हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में इस पर फैसला नहीं हो सका। बैठक के बाद बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अध्ययन के बाद ही राज्य में मंदिर खोलने पर निर्णय होगा। अब अगले सप्ताह होने वाली बैठक पर सबकी निगाहें टिक गयी हैं। आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक आयोजित होने से यह संभावना बढ़ गयी थी कि राज्य में कोरोना काल से बंद धार्मिक स्थलों को खोला जा सकता है। बैठक में सीएम हेमंत सोरेन को आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि देवघर स्थित बाबा मंदिर खोलने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए है। इस पर सीएम सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति जल्द पेश करते हुए आदेश का अध्ययन करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अगले सप्ताह आपदा प्रबंधन की बैठक में इस पर फैसला लिये जाने की बात कही है।उन्होंने कहा कि राज्य के स्कूल, मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा क्यों बंद किए गए हैं। इसके बारे में बताने की जरूरत नहीं है। हमारा भी भगवान में आस्था है। लेकिन अभी भी वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थितियों का आकलन कर रही है और निर्णय ले रही है।
इधर, झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में देवघर विधायक नारायण दास समेत अन्य विपक्ष के नेताओं ने धार्मिक स्थल खोलने की मांग की है। बुधवार को विधानसभा परिसर पर बीजेपी विधायक नारायण दास आमरण अनशन पर बैठ गए। सदन के बाहर आमरण अनशन पर बैठे विधायक नारायण दास ने राज्य सरकार से जल्द धार्मिक स्थलों को खोले जाने की मांग की है।