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डीसीआई का आदेश: झारखंड के दो डेंटल कॉलेजों के 102 बीडीएस छात्रों का नामांकन रद्द….

डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) ने झारखंड राज्य के दो प्रमुख डेंटल कॉलेजों—हजारीबाग कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज एंड हॉस्पिटल और जमशेदपुर बी.के. अवध डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल—में सत्र 2022-23 के दौरान नामांकित 102 बीडीएस छात्रों का नामांकन रद्द करने का आदेश जारी किया है. डीसीआई ने इन कॉलेजों को पत्र भेजकर स्पष्ट किया है कि इन छात्रों का नामांकन झारखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद (जेसीईसी) की अनुशंसा के बिना किया गया, जो कि नियमों के विपरीत है. हजारीबाग डेंटल कॉलेज में 100 सीटों पर बीडीएस नामांकन के लिए छात्रों का चयन किया गया था. इनमें से 72 छात्रों का नामांकन डीसीआई के मानकों के अनुसार था, लेकिन बाकी 28 छात्रों का नामांकन बिना उचित अनुमति के सीधे तौर पर किया गया. दूसरी ओर, जमशेदपुर के अवध डेंटल कॉलेज में 100 सीटों पर नामांकन लिया गया. इस कॉलेज ने 26 छात्रों का नामांकन उचित प्रक्रिया के तहत किया, लेकिन बाकी 74 छात्रों का नामांकन बिना अनुशंसा के किया गया, जिससे मामला विवादित हो गया है.

इस आदेश के संदर्भ में डीसीआई ने कहा

डीसीआई ने इस आदेश के संदर्भ में कहा है कि अगर इन कॉलेजों द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है, तो दंत चिकित्सा (संशोधन) अधिनियम 1993 की धारा 10बी और दंत चिकित्सा अधिनियम 1948 की धारा 16ए के तहत कार्रवाई की जाएगी.

झारखंड डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. सुशील ने बताया

झारखंड डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. सुशील ने बताया कि इस मामले में डीसीआई ने नोटिस भेजा है, लेकिन अब तक सरकार को इस संबंध में कोई सूचित नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि अगर कॉलेज आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो डीसीआई स्वत: संज्ञान लेते हुए नामांकन को रद्द कर सकता है और इसकी सूचना भी जारी कर सकता है. इस आदेश के बाद, हजारीबाग के 28 और जमशेदपुर के 74 बीडीएस छात्रों का भविष्य अब अधर में लटक गया है. छात्रों का कहना है कि नामांकन के समय हुई चूक अब उनके लिए गंभीर समस्या बन गई है. शिक्षा और भविष्य को लेकर छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, क्योंकि उनके करियर की दिशा अब अनिश्चितता में है.

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