उत्तर ओडिशा और पड़ोसी पश्चिम बंगाल में 130-145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं के साथ समुद्र तटों से टकराने के बाद बुधवार दोपहर भीषण चक्रवाती तूफान ‘यास’ कमजोर पड़ गया। तूफान के कारण इन दो पूर्वी राज्यों में निचले इलाकों में पानी भर गया। चक्रवात ओडिशा के भद्रक जिले में धामरा के उत्तर और बहनागा ब्लॉक के निकट बालासोर से 50 किलोमीटर दूर तट पर लगभग सुबह नौ बजे टकराया।
इधर चक्रवाती तूफान यास का असर झारखंड में आज से ही दिखने लगा है। 26 मई से 28 मई तक पूरे राज्य में इसका व्यापक असर रहेगा। इस दौरान राज्य के कई जिलों में भारी बारिश होगी, वहीं हवा की गति 100 से लेकर 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। सबसे अधिक असर कोल्हान और उसके आसपास के जिलों में होगा। कोल्हान क्षेत्र में जिला प्रशासन अलर्ट मोड में हैं, वहीं हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, ताकि समय रहते सहयोग उपलब्ध कराया जा सके।
आज राज्य में तेज हवाओं से कई पेड़ की टहनियां, छप्पर और होर्डिंग उखड़ गए। सड़कों पर आवाजाही कम रही। गिनती के वाहन, ऑटो और बाइक सवार नजर आए। अधिकांश दुकानें बंद हैं। सब्जी बाजार नहीं लगा। झारखंड में चक्रवात यास का केंद्र बिन्दु सरायकेला- खरसावां जिला है। चक्रवात झारखंड में कोल्हान के रास्ते प्रवेश करेगा जिसका केंद्र सरायकेला जिले के राजनगर में बन रहा है। इधर कोल्हान के तीनों जिले पूर्वी सिंहभूम पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला- खरसावां जिले में सुबह से ही रुक-रुक कर तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। तीनों जिले को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एनडीआरएफ की टीम लगातार कैंप कर रही है। तटीय इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।
रांची में अधिकारियों ने बताया कि झारखंड में मध्यरात्रि चक्रवात के आने की आशंका को देखते हुए पहले से ही सतर्कता बरती जा रही है। राज्य के निचले इलाकों को खाली कराया जा रहा है।वहीं आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि ‘यास’ के मद्देनजर कुछ अन्य जिलों के अलावा पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम के संवेदनशील इलाकों में युद्धस्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। मौसम कार्यालय ने बताया कि राज्य के पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलों में 92-117 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा ने बताया, ‘हम स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और बचाव दलों का गठन किया है।’