रिटायर्ड अधिकारी से 1.39 करोड़ की साइबर ठगी: तेलंगाना और मिजोरम से तीन आरोपी गिरफ्तार……

रांची के साइबर अपराध थाना ने एक बड़ी साइबर ठगी के मामले में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. बोकारो के एक सेवानिवृत्त लोक उपक्रम अधिकारी के साथ 1.39 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. ये आरोपी देश के दो अलग-अलग राज्यों—तेलंगाना और मिजोरम—से गिरफ्तार किए गए हैं. यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग और डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर धोखाधड़ी करने से जुड़ा है, जिसमें आरोपियों ने खुद को केंद्रीय एजेंसियों जैसे सीबीआई, एनसीबी और एनआईए का अधिकारी बताया था.

आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार हुई है:

• बी. इस्साक अहमद (हैदराबाद, तेलंगाना)

• कुन्नापुल्ली सुब्रमण्या शर्मा (हैदराबाद, तेलंगाना)

• लालदुहासांगा (आइजोल, मिजोरम)

ये तीनों आरोपी एक संगठित साइबर ठग गिरोह का हिस्सा थे. पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के दौरान इनके पास से चार मोबाइल फोन, चार सिम कार्ड, पांच एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप, तीन चेकबुक, पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट और कुनापली इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड की मुहर जब्त की है.

साइबर ठगी का तरीका

इस ठगी में इस्तेमाल किया गया तरीका बेहद चौंकाने वाला है. आरोपी पहले व्हाट्सएप कॉल करते थे और खुद को सीबीआई, एनसीबी या एनआईए का अधिकारी बताते थे. वे पीड़ित को बताते थे कि उनके नाम से कोई मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज है और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. फिर वे एक वीडियो कॉल करते, जिसमें एक व्यक्ति सरकारी वर्दी में दिखाई देता—यह वीडियो पहले से रिकॉर्ड होता था या किसी नकली अफसर का होता था. इसके बाद वे पीड़ित को “डिजिटल अरेस्ट” की धमकी देते, जिसमें कहा जाता था कि आपका मोबाइल, बैंक अकाउंट और सारी डिजिटल गतिविधियां बंद कर दी जाएंगी. डर के मारे पीड़ित अपने बैंक खाते की सारी जानकारी, ओटीपी और अन्य संवेदनशील विवरण साझा कर देता, जिससे आरोपी धीरे-धीरे बड़ी रकम ट्रांसफर कर लेते.

दुबई से कनेक्शन

जांच में यह भी सामने आया है कि कुन्नापुल्ली सुब्रमण्या शर्मा दुबई स्थित एक साइबर अपराध सिंडिकेट से जुड़ा हुआ है. यह सिंडिकेट रैकबैंक दुबई और भारत के विभिन्न बैंकों में खोले गए खातों के माध्यम से ठगी की रकम को इधर-उधर करता था. इन खातों का संचालन मुख्यतः प्रॉपराइटरशिप फर्मों के नाम पर होता था, जिससे ठगी के पैसों का पता लगाना और अधिक कठिन हो जाता.

पुलिस की जांच और कार्रवाई

यह मामला 14 मई को रांची साइबर थाना में दर्ज किया गया था. इसके बाद पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू की. बैंक खातों का विश्लेषण, तकनीकी साक्ष्य और डिजिटल निगरानी के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया. जांच में सामने आया कि कुनापली इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड के आईसीआईसीआई बैंक खाते में एक ही दिन में 1.72 करोड़ रुपये जमा किए गए थे. इस खाते से जुड़े 11 राज्यों में 15 से ज्यादा साइबर ठगी की शिकायतें नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर दर्ज हैं. ये राज्य हैं: झारखंड, बंगाल, तमिलनाडु, गोवा, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश. इसके अलावा, यस बैंक खाते से जुड़ी तीन शिकायतें भी दर्ज की गई हैं.

लोगों को चेतावनी और अपील

रांची पुलिस और साइबर अपराध शाखा ने आम जनता से अपील की है कि वे इस तरह के कॉल्स से सावधान रहें. कोई भी सरकारी एजेंसी—चाहे वह सीबीआई हो, एनसीबी हो या एनआईए—कभी भी वीडियो कॉल पर न तो गिरफ्तारी करती है और न ही किसी व्यक्ति को बैंक विवरण साझा करने को कहती है. यदि किसी को ऐसा कॉल आता है, तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करे और अपनी बैंक डिटेल्स किसी अनजान व्यक्ति के साथ साझा न करे.

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