झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारियों ने अपने बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर 24 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. अगर यह हड़ताल होती है, तो राज्य के गरीब और जरूरतमंद मरीजों को अस्पताल पहुंचने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. धनबाद के सिविल सर्जन को सौंपे गए ज्ञापन में कर्मचारियों ने बताया कि पिछले तीन महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है, जिससे वे आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं.
हड़ताल की चेतावनी और सेवाओं पर प्रभाव
108 एंबुलेंस का संचालन करने वाली एजेंसी इएमआरआइ ग्रीन के कर्मियों ने वेतन भुगतान न होने के कारण हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. यह हड़ताल त्योहारों के सीजन के बीच आने वाली है, जो लोगों के लिए और अधिक समस्या खड़ी कर सकती है. धनबाद के सिविल सर्जन डॉ. चंद्रभानु प्रतापन को ज्ञापन सौंपने के साथ-साथ कर्मचारियों ने रंगदेव वर्मा चौक पर विरोध प्रदर्शन भी किया. कर्मचारियों का कहना है कि यदि 24 अक्टूबर तक उनके बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया जाता, तो झारखंड की 108 एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से ठप हो जाएगी. यह सेवा खासतौर पर उन गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जो दूरदराज के इलाकों से अस्पतालों तक पहुंचने के लिए इस सेवा पर निर्भर रहते हैं.
त्योहारों में भी नहीं मिला वेतन
कर्मचारियों ने बताया कि दुर्गा पूजा और अन्य त्योहारों के बावजूद उन्हें वेतन नहीं मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और भी दयनीय हो गई है. त्योहारों के समय वेतन का न मिलना न सिर्फ कर्मचारियों को मानसिक और आर्थिक रूप से प्रभावित कर रहा है, बल्कि उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में भी बाधा उत्पन्न कर रहा है. कई कर्मचारियों ने अपनी आर्थिक तंगी की बात साझा करते हुए कहा कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो उनके पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.
ज्ञापन सौंपा और प्रदर्शन किया
शुक्रवार को धनबाद के सिविल सर्जन डॉ. चंद्रभानु प्रतापन को ज्ञापन सौंपते हुए कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया. इसके साथ ही, कर्मचारियों ने रंगदेव वर्मा चौक पर एजेंसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया. उनका कहना है कि पिछले तीन महीनों से एजेंसी इएमआरआइ ग्रीन ने उनका वेतन रोका हुआ है और लगातार आश्वासन देने के बावजूद इसका भुगतान नहीं किया जा रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि वे वेतन भुगतान को लेकर बार-बार अपनी मांग रख चुके हैं, लेकिन एजेंसी द्वारा उनकी बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है. इसलिए उन्होंने अब 24 अक्टूबर को हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है, ताकि उनकी आवाज़ सुनी जा सके और उन्हें उनका बकाया वेतन मिल सके.
108 एंबुलेंस सेवा के बंद होने से मरीजों को होगी परेशानी
झारखंड की 108 एंबुलेंस सेवा गरीब और आपातकालीन जरूरतों वाले मरीजों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस सेवा का बंद होना उन मरीजों के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है, जो अस्पतालों तक पहुंचने के लिए पूरी तरह से इस पर निर्भर रहते हैं. खासकर ग्रामीण और सुदूर इलाकों में रहने वाले लोगों को समय पर इलाज मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. अगर हड़ताल होती है, तो राज्य के कई हिस्सों में एंबुलेंस सेवाएं बंद हो जाएंगी और इससे मरीजों के इलाज में देरी हो सकती है, जो कई मामलों में जानलेवा साबित हो सकती है.
कर्मियों की आर्थिक तंगी और भविष्य की चिंता
एंबुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारी पिछले तीन महीनों से बिना वेतन के काम कर रहे हैं, जिससे वे गंभीर आर्थिक संकट में हैं. दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहारों के दौरान भी वेतन न मिलने से उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं. कर्मचारियों का कहना है कि त्योहार के मौसम में भी वे अपने परिवारों की बुनियादी जरूरतें पूरी करने में असमर्थ हैं. कर्मचारियों ने बताया कि वे अब और इंतजार नहीं कर सकते और अगर जल्द ही बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया, तो वे 24 अक्टूबर से हड़ताल पर चले जाएंगे. यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं.
प्रशासन और एजेंसी से जल्द समाधान की अपील
कर्मचारियों ने प्रशासन और इएमआरआइ ग्रीन एजेंसी से अपील की है कि वे जल्द से जल्द वेतन भुगतान की प्रक्रिया को पूरा करें, ताकि उन्हें हड़ताल पर जाने की आवश्यकता न पड़े. हड़ताल होने की स्थिति में राज्य के गरीब मरीजों को इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इसलिए कर्मचारियों ने उम्मीद जताई है कि उनकी समस्याओं का समाधान समय पर कर दिया जाएगा, ताकि वे अपनी सेवाएं सुचारू रूप से जारी रख सकें.