झारखंंड में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। विभिन्न जिलों में संक्रमण उफान पर है, लेकिन राज्य में कोविड मरीजों के उपचार की क्या स्थिति है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में ही कोविड के उपचार में अत्यावश्यक दवाओं की ही किल्लत बनी हुई है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में कोविड के मरीजों के उपचार को चलाई जाने वाली अत्यावश्यक दवा इवरमेक्टिन, डॉक्सिसाइक्लिन, फेविपिराविर के साथ-साथ विटामिन, जिंक, कैल्शियम व सेट्रीजिन आदि दवाएं खत्म हैं। यही स्थिति एमजीएम, जमशेदपुर व पीएमसीएच धनबाद की भी है।
स्थिति यह है कि राज्य सरकार द्वारा एसेंशियल ड्रग्स के रूप में सूचित की गई 35 दवाओं में से एमजीएम में 27 दवाएं जबकि, रिम्स व धनबाद के पीएमसीएच में 25-25 दवाएं खत्म है। हद तो यह है कि रिम्स, एमजीएम, पीएमसीएच समेत कई जिलों में पारासिटामोल, प्रोविडिन आयोडिन गार्गल व रेनीटिडीन सरीखी मामूली और अति उपयोगी दवाएं भी नहीं है।
कई जिलों में तो क्रिटिकल ड्रग्स का भी टोटा..
इसका खुलासा चार दिन पहले कुछ जिलों में तो कोविड के ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर राज्य में की गयी तैयारियो की समीक्षा के दौरान हुई। समीक्षा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक रमेश घोलप ने राज्य व जिला के पदाधिकारियों को जल्द से जल्द कमियों को दूर करने की हिदायत दी। इस समीक्षा बैठक में पाया गया कि कोविड के क्रिटिकल मरीजों के उपचार की दवाएं भी कई जिलों में नहीं हैं। जैसे रांची में एनोक्सापेरिन, हजारीबाग में मिथाईल पेडनिसोलोन और एनोक्सापेरिन, पलामू में मिथाईल पेडनिसोलोन खत्म है। वहीं पूर्वी सिंहभूम में डेक्सामेथाजोन की 50 तो रेमडेसिविर की महज 16 वाईल ही उपलब्ध है। क्रिटिकल मरीजों को एम्फोटेरसिन बी, पोसाकोनाजोल व आईवीआईजी (इंट्रावेनस इम्युनोग्लोबिन) की आपूर्ति जेएमएचआईडीपीसीएल (झारखंड मेडिकल हेल्थ इंफ्रोस्ट्रक्चर प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) के द्वारा डॉक्टरों के परामर्श पर की जाती है, लेकिन पोसाकोनाजोल व आईवीआईजी तो स्टेट वेयर हाउस में भी उपलब्ध नहीं है।
मेडिकल कॉलेज में दवाओं का टोटा, जिलों में भरमार..
समीक्षा में यह भी पाया गया कि एक तरफ राज्य के वैसे मेडिकल कॉलेजों, जहां अधिकाधिक मरीज भर्ती होते हैं, वहां जरूरी दवाएं नहीं हैं। दूसरी तरफ कई जिलों में जहां मरीज कम भर्ती होते हैं, वहां इन दवाओं की भरमार है।
कोविड की जरूरी दवाएं..
एमलोडिपिन, एमॉक्सीसिलिन, सेफोपेराजोन, सेफट्रिएक्सोन, डेक्सामेथासोन, डॉक्सीसाइक्लिन, एनोक्सापेरीन, फेविपिराविर, फॉरमेट्रोन बैडसोराईड इनहेलर, इवरमेक्टिन, लिवोसलबुटामोल, मेट्रोनिडाजोल, मांटेलुकास्ट, एन एसाइटि सिस्टिन, ओन्डानसेट्रोन, पेंटोप्राजोल, पारासिटामोल, पिपरासिलिन टेजोबैक्टम, प्रोविडिन आयोडिन गार्गल, रेनीटिडिन, विटामिन सी, डी, जिंक, कैलशियम, लिवोसेट्रिजिन आदि।