रांची: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में एक कोविड संक्रमित मरीज की मौत हो गई है। यह राज्य में वर्ष 2025 में कोविड से जुड़ी पहली मौत के रूप में दर्ज की गई है। मृतक की पहचान बोकारो निवासी एक 45 वर्षीय पुरुष के रूप में हुई है, जो कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित था।
कोविड नहीं था मौत का मुख्य कारण: चिकित्सक
रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिरेंद्र बिरुआ ने पुष्टि की कि मरीज पहले से ही कई गंभीर शारीरिक स्थितियों से जूझ रहा था। वहीं, ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख डॉ. प्रदीप भट्टाचार्य ने बताया कि कोविड संक्रमण को मरीज की मौत का मुख्य कारण नहीं माना जा सकता।
उन्होंने स्पष्ट किया, “मरीज का इलाज पहले से ही सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकेट्री (सीआईपी), रांची में चल रहा था। कुछ दिन पहले उसकी स्थिति बिगड़ने पर वेंटिलेटर सपोर्ट के साथ उसे रिम्स लाया गया था।” जांच में पाया गया कि खाने के दौरान भोजन फेफड़ों में चला गया, जिससे सेप्सिस फैल गया और शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया। इसी दौरान कोविड जांच की गई, जिसमें वह पॉजिटिव पाया गया। चिकित्सकों ने इसे ‘इंसिडेंटल फाइंडिंग’ बताया।
रिम्स में एक और मरीज भर्ती, हालत नाजुक
डॉ. भट्टाचार्य ने जानकारी दी कि वर्तमान में रिम्स में एक और कोविड संक्रमित मरीज आईसीयू में भर्ती है। वह हृदय, किडनी और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित है। हालांकि इससे पहले एक मरीज कोविड से पूरी तरह ठीक होकर घर लौट चुका है।
रांची में अब तक 7 कोविड केस, लोग जांच से बच रहे
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, रांची जिले में अब तक कुल सात मरीज कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। जिला प्रशासन ने चिंता जताई है कि कोविड जैसे लक्षण (बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ) होने के बावजूद लोग जांच से बच रहे हैं। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि बुखार या सांस संबंधी लक्षणों की अनदेखी न करें और तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें।
प्रशासन ने नागरिकों से मास्क पहनने, भीड़ से बचने और सावधानी बरतने की भी अपील की है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।