झारखंड के पुर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनके चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए झारखंड हाई कोर्ट ने अस्थायी जमानत दी है. बता दें कि हेमंत सोरेन को 31 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले में हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बड़ी मात्रा में भूमि अपने नाम की है. इन आरोपों के अनुसार, पुर्व सीएम हेमंत सोरेन ने सरकारी रिकॉर्ड्स में हेरफेर करके डमी विक्रेताओं और खरीदारों का उपयोग किया, जिससे करोड़ों रुपये की संपत्ति हासिल की गई. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद, हेमन्त सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि, हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी और उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. इस फैसले से असंतुष्ट होकर, पुर्व सीएम सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट में उनकी ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि झारखंड में लोकसभा चुनाव शुरू होने वाले हैं और सोरेन को अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने का अधिकार मिलना चाहिए. सिब्बल ने कहा कि चुनाव 13 मई से शुरू हो रहे हैं और हेमंत सोरेन को प्रचार करने की अनुमति दी जानी चाहिए. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा था, लेकिन कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका पर भी सुनवाई करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि चुनाव के समय किसी भी राजनेता को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए, इस तर्क को स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह एक गलत नजीर स्थापित कर सकता है. फिलहाल, सोरेन रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. उन्हें 15 फरवरी 2024 को 13 दिन की ED हिरासत के बाद जेल भेजा गया था. उनकी जमानत याचिका को लेकर आगे की सुनवाई भी जल्द ही हो सकती है. इस बीच, हेमन्त सोरेन के समर्थन में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकर्ता और समर्थक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं. यह मामला राजनीतिक रूप से भी काफी संवेदनशील है क्योंकि, सोरेन झारखंड के प्रमुख राजनीतिक नेता हैं और उनकी पार्टी JMM राज्य की प्रमुख पार्टियों में से एक है. हेमन्त सोरेन की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ लगे आरोपों को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल मची हुई है.
पुर्व सीएम हेमंत सोरेन कहते हैं
हेमंत सोरेन का यह कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उन्हें बदनाम करने की एक साजिश है. हालांकि, ED का दावा है कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं जो हेमंत सोरेन की संलिप्तता को साबित करते हैं.