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वंदे भारत में टीटीई का भ्रष्ट खेल: एडीआरएम की छापेमारी में हुआ खुलासा, सख्त कार्रवाई की सिफारिश…..

वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी हाई-प्रोफाइल ट्रेन में जब भ्रष्टाचार का खेल सामने आता है, तो यह न केवल रेलवे प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनता है, बल्कि यात्रियों के विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है. हाल ही में एक ऐसा ही मामला धनबाद रेल मंडल में सामने आया, जब वंदे भारत एक्सप्रेस में दो टीटीई द्वारा अवैध वसूली और बिना टिकट यात्रियों को यात्रा कराने की पुष्टि हुई.

औचक निरीक्षण में फंसे दो टीटीई

धनबाद रेल मंडल के एडीआरएम (ADRM) विनीत कुमार ने 11 मई को पटना से टाटानगर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 1896) में औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्हें दो टीटीई — नसीम और अर्जुन साहू — की संदिग्ध गतिविधियों पर शक हुआ. जांच में यह स्पष्ट हो गया कि दोनों टीटीई ट्रेन में बिना टिकट यात्रियों को यात्रा करा रहे थे और उनसे अवैध रूप से पैसे वसूल रहे थे.

सीट बेचकर हो रही थी अवैध वसूली

जांच में यह भी सामने आया कि इन दोनों टीटीई ने न केवल बिना टिकट यात्रियों को ट्रेन में चढ़ाया, बल्कि अपनी आरक्षित सीटें भी उन्हें बेच दी थीं. कुल 11 यात्री — जिनमें से 10 पटना से गया और एक गया से गोमो तक — बिना टिकट यात्रा कर रहे थे. एडीआरएम विनीत कुमार ने इन सभी यात्रियों पर कुल 19,500 रुपये का जुर्माना लगाया और टीटीई की इस करतूत पर नाराजगी जताई.

पहले भी रहे हैं दोषी

सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि ये दोनों टीटीई पहले भी इस तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जा चुके हैं. रेलवे द्वारा पूर्व में भी इन पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन इनके व्यवहार में कोई सुधार नहीं हुआ. एडीआरएम विनीत कुमार की रिपोर्ट में साफ-साफ उल्लेख किया गया है कि नसीम और अर्जुन साहू जैसे कर्मचारी रेल सेवा की साख को बट्टा लगा रहे हैं.

वरिष्ठ डीसीएम को सौंपी गई रिपोर्ट

एडीआरएम ने 16 मई को चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम को इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में उन्होंने सिफारिश की है कि इन दोनों भ्रष्ट टीटीई पर एसएफ-5 (SF-5) के तहत सख्त विभागीय कार्रवाई की जाए. यह नियम रेलवे में गंभीर अनुशासनात्मक मामलों में लागू किया जाता है.

एसी स्टाफ भी लापरवाही में पकड़ा गया

जांच के दौरान एक और चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि ट्रेन में ड्यूटी पर तैनात एक एसी स्टाफ भी अपनी जिम्मेदारियों में लापरवाह पाया गया. एडीआरएम ने उस स्टाफ के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है. इससे साफ है कि वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी आधुनिक और हाई-टेक ट्रेन में भी कर्मचारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार से यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा प्रभावित हो सकती है.

वंदे भारत जैसी ट्रेनों की गरिमा पर सवाल

वंदे भारत एक्सप्रेस को भारतीय रेलवे की प्रतिष्ठा और आधुनिकता का प्रतीक माना जाता है. इसमें यात्रा करना एक विशेष अनुभव माना जाता है. लेकिन जब ऐसे भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं, तो न केवल रेलवे की छवि धूमिल होती है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और विश्वास भी प्रभावित होता है. रेल प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. दोषी कर्मचारियों को केवल निलंबन तक सीमित न रखकर, उनके खिलाफ कड़ी विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि अन्य कर्मचारियों को भी सख्त संदेश मिल सके.

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