Headlines

कोरोना फिर बढ़ा रहा है पैर: झारखंड में एक्टिव हुए 11 केस, अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग…..

झारखंड में एक बार फिर से कोरोना वायरस धीरे-धीरे पैर पसारने लगा है. लंबे समय तक संक्रमण के मामले लगभग न के बराबर रहने के बाद अब राज्य में कोविड-19 के एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है. बीते कुछ दिनों में केसों की संख्या में यह इजाफा केंद्र और राज्य सरकारों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ चुका है और सभी जिलों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं.

केंद्र की रिपोर्ट में झारखंड में 11 केस

एक जून को सुबह आठ बजे केंद्र सरकार द्वारा जारी कोरोना बुलेटिन के अनुसार, झारखंड में कोरोना के कुल छह सक्रिय मामले दर्ज किए गए थे. लेकिन महज एक दिन के भीतर सोमवार को यह संख्या बढ़कर 11 हो गई. हालांकि, इस बीच राहत की बात यह रही कि इन मरीजों में से एक संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ भी हो चुका है. इस मामूली बढ़ोतरी के बावजूद स्वास्थ्य विभाग किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाहता. बढ़ते संक्रमण को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन और चिकित्सा पदाधिकारियों को पहले से ही तैयार रहने को कहा है.

केंद्र सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी

झारखंड में बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने एक नई एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी को राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने भी तुरंत अमल में लाने का फैसला लिया है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने सभी जिलों के उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को पत्र भेजकर इस एडवाइजरी का पालन सुनिश्चित करने को कहा है. इस पत्र में उन्होंने कहा कि सभी जिलों में कोरोना से निपटने की तैयारी पूरी होनी चाहिए. अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता, आइसोलेशन वार्ड, दवाइयों का स्टॉक, मॉक ड्रिल आदि पर विशेष ध्यान दिया जाए. साथ ही जरूरत पड़ने पर तत्काल ऐक्शन प्लान लागू किया जाए.

टेस्टिंग और सर्विलांस को लेकर सख्त निर्देश

स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि फ्लू या इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले मरीजों की कोविड-19 जांच अनिवार्य रूप से की जाए. इसके तहत पांच प्रतिशत ऐसे मरीजों की जांच की जानी है, जो साधारण फ्लू के लक्षण लेकर अस्पताल पहुंचते हैं. वहीं, गंभीर श्वसन संक्रमण (SARI) से पीड़ित सभी मरीजों की 100 प्रतिशत जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा हर दिन की जांच रिपोर्ट राज्य को भेजनी होगी और निगरानी (सर्विलांस) को तेज किया जाएगा, ताकि किसी भी संभावित क्लस्टर को पहले ही पहचाना जा सके.

पॉजिटिव मामलों का जीनोम सीक्वेंसिंग अनिवार्य

स्वास्थ्य विभाग ने एक और अहम फैसला लेते हुए निर्देश दिया है कि जिन मरीजों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उनके सैंपल को रांची स्थित रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए. इससे यह पता चल सकेगा कि वायरस का कोई नया वैरिएंट तो राज्य में नहीं फैल रहा है. कोरोना के पिछले अनुभवों को देखते हुए जीनोम सीक्वेंसिंग को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, ताकि संक्रमण की गति और प्रभाव को समझा जा सके.

ऑक्सीजन और अन्य व्यवस्थाओं की मॉक ड्रिल

स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को यह भी निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने अस्पतालों में मॉक ड्रिल करें, ताकि ऑक्सीजन सिलिंडर, पीपीई किट, वेंटिलेटर, बेड और दवाइयों की उपलब्धता की समीक्षा की जा सके. किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए यह अभ्यास समय रहते जरूरी संसाधनों की कमी की पहचान में मदद करेगा.

जनता से भी सावधानी बरतने की अपील

जहां सरकार और स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर पूरी तरह तैयारियों में जुटा हुआ है, वहीं आम जनता से भी अपील की जा रही है कि वह कोरोना को हल्के में न लें. लोग सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें, भीड़भाड़ से बचें और हाथ धोने जैसी सामान्य सावधानियों का पालन करें. हल्के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और टेस्ट कराएं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×