रांची: रिम्स (राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में 81 डॉक्टरों की प्रोन्नति को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हाल ही में दोबारा कार्यभार संभालने के बाद निदेशक डॉ. राजकुमार ने डॉक्टरों की प्रोन्नति से संबंधित फाइल को तेजी से निपटाते हुए मंगलवार देर शाम रिजल्ट भी प्रकाशित कर दिया। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री और रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी ने इस फैसले को एकतरफा बताते हुए आपत्ति जताई है।
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डॉ. अंसारी का कहना है कि निदेशक द्वारा शासी परिषद की बैठक के बिना रिजल्ट जारी करना उचित नहीं है। गौरतलब है कि 15 अप्रैल को मंत्री ने खुद इस फाइल पर स्वीकृति दी थी और 21 अप्रैल को रिजल्ट निकालने का आदेश दिया था। लेकिन, शासी परिषद की 15 अप्रैल को हुई बैठक में प्रोन्नति समेत कई अन्य प्रस्तावों पर मतभेद सामने आए।
फाइल में स्वीकृति, बैठक में विरोध
रिपोर्ट के अनुसार, रिम्स के डीन ने चार मार्च को सूचित किया था कि 18-19 नवंबर 2024 को आयोजित साक्षात्कार के बाद
प्रोन्नति का परीक्षाफल तैयार कर लिया गया है। इस फाइल को निदेशक ने चार अप्रैल को, विभागीय सचिव ने पांच अप्रैल को और अंततः स्वास्थ्य मंत्री ने 15 अप्रैल को स्वीकृति प्रदान की।
हालांकि, शासी परिषद की बैठक में डॉक्टरों की प्रोन्नति, एमआरआई मशीन की खरीद और हेल्थ मैप के लंबित भुगतान जैसे मुद्दों पर असहमति जताई गई। परिषद ने निदेशक से स्पष्टीकरण भी मांगा, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका। मंत्री और सचिव दोनों ने प्रोन्नति प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने की बात कही थी।
राजनीतिक और प्रशासनिक खींचतान का असर
अब जब निदेशक द्वारा प्रोन्नति का रिजल्ट प्रकाशित कर दिया गया है, तो यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक खींचतान का रूप ले चुका है। स्वास्थ्य विभाग और रिम्स प्रबंधन के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। इससे संस्थान की कार्यप्रणाली और डॉक्टरों के मनोबल पर भी असर पड़ सकता है।
फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं
यह स्पष्ट नहीं है कि प्रकाशित रिजल्ट पर अमल होगा या नहीं। स्वास्थ्य मंत्री की आपत्ति और शासी परिषद की असहमति के
चलते प्रोन्नति प्रक्रिया को लेकर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना बाकी है।