रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस द्वारा मंगलवार को रांची के ओल्ड विधानसभा मैदान में आयोजित की जा रही ‘संविधान बचाओ रैली’ को पार्टी ने विजय सभा का स्वरूप देने का ऐलान किया है। सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी गई।
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प्रेस वार्ता में पार्टी के प्रदेश प्रभारी के राजू, सह प्रभारी श्रीबेला प्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, एआईसीसी के प्रशासक गुरदीप सिंह सप्पल सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। इस अवसर पर के राजू ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने की सहमति देना कांग्रेस और विपक्ष के संघर्ष की जीत है।
उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के दबाव में यू-टर्न लिया है। पहले जिन सांसदों को बीजेपी ‘अर्बन नक्सल’ कहती थी, आज उन्हीं की मांग पर सरकार ने कदम बढ़ाया है। यह कांग्रेस की वैचारिक जीत है।”
कांग्रेस की तीन प्रमुख मांगे
के राजू ने बताया कि कांग्रेस पार्टी अब तीन प्रमुख जनसरोकार के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी:
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आरक्षण में 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग – AICC ने इसके लिए प्रस्ताव पास किया है।
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SC/ST के लिए बजट में वृद्धि – राष्ट्रीय बजट में इन समुदायों के लिए आबादी के अनुपात में बजट आवंटन किया जाए।
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निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण – अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी युवाओं को प्राइवेट संस्थानों में भी आरक्षण दिया जाए।
राजू ने कहा कि 2006 में UPA सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 15(5) में इसका प्रावधान किया था, लेकिन अब तक निजी संस्थानों में इसका पूर्ण क्रियान्वयन नहीं हुआ है।
राहुल गांधी को बताया ‘जातीय जनगणना के चैंपियन’
AICC प्रशासक गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा, “जातीय जनगणना को लेकर राहुल गांधी की भूमिका निर्णायक रही है। उन्होंने इसे अपने जीवन का मिशन बताया है। 2021 के चिंतन शिविर में कांग्रेस ने इस मुद्दे पर निर्णायक लड़ाई का संकल्प लिया था।”
उन्होंने आगे कहा कि तेलंगाना में हुई जातीय जनगणना का डेटा मोदी सरकार के साथ साझा किया जाएगा ताकि राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रक्रिया आगे बढ़ सके।
रैली में शामिल होंगे कांग्रेस के बड़े नेता
प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने बताया कि रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव केसी वेणुगोपाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी के राजू और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। रैली के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस की विस्तारित बैठक भी आयोजित होगी।
उन्होंने जोर देते हुए कहा, “जातीय जनगणना की घोषणा केवल हेडलाइन बनकर न रहे, इसकी डेडलाइन भी तय होनी चाहिए।”
रैली के माध्यम से कांग्रेस केंद्र सरकार को यह संदेश देना चाहती है कि संविधान और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पार्टी इसे जन अधिकारों की जीत और लोकतंत्र की मजबूती के रूप में पेश कर रही है।