झारखंड में निकाय चुनाव पर असमंजस, हाई कोर्ट ने उठाए सवाल

झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को शहरी निकाय चुनाव नहीं कराए जाने के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। यह मामला जस्टिस आनंद सेन की पीठ में प्रस्तुत हुआ। याचिकाकर्ताओं ने नगर निकाय चुनाव न कराए जाने पर आपत्ति जताई है।

सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि नवंबर 2024 में झारखंड समेत अन्य चार राज्यों में संशोधित मतदाता सूची के आधार पर विधानसभा चुनाव कराए गए थे। आयोग ने कहा कि राज्य सरकार नगर निकाय चुनाव भी इसी सूची के आधार पर करा सकती है। इस पर कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए पूछा कि अगर संशोधित मतदाता सूची उपलब्ध है, तो राज्य सरकार को नगर निकाय चुनाव कराने में दिक्कत क्या है।

शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश

चुनाव आयोग ने अदालत को आश्वस्त किया कि उनकी ओर से सभी आवश्यक जानकारी शपथपत्र के माध्यम से प्रस्तुत की जाएगी। अदालत ने आयोग को निर्देश दिया कि अगले सुनवाई से पहले शपथपत्र दाखिल किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई सात फरवरी को निर्धारित की गई है।

मतदाता सूची को लेकर उलझन

राज्य निर्वाचन आयोग ने कोर्ट को जानकारी दी कि अद्यतन मतदाता सूची न मिलने के कारण चुनाव की तैयारी में समस्या हो रही है। हालांकि, केंद्रीय चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव के दौरान उपयोग में लाई गई मतदाता सूची राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दी गई है।

पृष्ठभूमि और याचिका

नगर निकाय चुनाव में देरी के चलते पूर्व पार्षद रोशनी खलखो और अन्य की ओर से हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है।इससे पहले राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया था कि वह चार महीने के भीतर चुनाव कराने को तैयार है, लेकिन अद्यतन मतदाता सूची की आवश्यकता है।

केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा हर वर्ष पांच जनवरी को अद्यतन सूची जारी की जाती है, लेकिन इस वर्ष अभी तक यह सूची उपलब्ध नहीं हो पाई है। इस पर हाई कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

झारखंड के शहरी निकाय चुनाव लंबे समय से टल रहे हैं, जिससे नागरिकों के प्रतिनिधित्व और विकास कार्यों में बाधा आ रही है। अब देखना होगा कि आगामी सुनवाई में अदालत और आयोग के निर्देशों से क्या निष्कर्ष निकलता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×