कोयला कर्मियों को मिलेगा 93,750 रुपये का बोनस, 9 अक्टूबर से पहले खातों में ट्रांसफर होगी राशि….

इस वर्ष कोल इंडिया के कर्मियों को 93,750 रुपये का बोनस मिलेगा, जो 9 अक्टूबर से पहले उनके खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. पिछले साल कर्मियों को 85,000 रुपये बोनस मिला था, इस साल उसमें 8,750 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. इस बोनस से लगभग 2.50 लाख कोयला कर्मियों को लाभ होगा, जिनमें स्थायी और ठेका मजदूर दोनों शामिल हैं. बोनस की इस राशि से कोयला क्षेत्र के कर्मियों में खुशी की लहर है और यह त्योहारों के मौसम में उनके लिए एक बड़ी राहत साबित होगी.

बोनस में 8.33% की दर से वृद्धि:

कोयला कर्मियों को दी जाने वाली बोनस राशि में 8.33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. इस वृद्धि के कारण इस साल बोनस की कुल राशि 93,750 रुपये हो गई है, जो पिछले साल 85,000 रुपये थी. बोनस का भुगतान दीपावली से पहले किया जाएगा, जिससे कर्मियों को दुर्गापूजा, दीवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों के समय खर्च के लिए अतिरिक्त धनराशि मिल सकेगी.

सीसीएल के 32,000 कर्मियों को 124 करोड़ रुपये मिलेंगे:

कोल इंडिया के इस बोनस के फैसले का सीधा फायदा सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के 32,000 कर्मचारियों को मिलेगा. इन कर्मचारियों के बीच लगभग 124 करोड़ रुपये की राशि बोनस के रूप में वितरित की जाएगी. यह बोनस घोषणा सीसीएल के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी राहत होगी, साथ ही यह स्थानीय व्यापारियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा. व्यापारियों को उम्मीद है कि त्योहारों के इस मौसम में कारोबार में अच्छी बढ़ोतरी होगी, क्योंकि लोग बोनस से प्राप्त धनराशि का उपयोग करेंगे.

दिल्ली में हुई 7 घंटे की बैठक में हुआ निर्णय:

इस बोनस के संबंध में रविवार को नई दिल्ली में जेबीसीसीआई (Joint Bipartite Committee for the Coal Industry) की स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की मैराथन बैठक हुई, जो सात घंटे तक चली. इस बैठक में केंद्रीय ट्रेड यूनियन और कोल इंडिया के प्रबंधन के बीच वर्ष 2023-24 के लिए परफॉर्मेंस लिंक्ड रिवॉर्ड (पीएलआर), जिसे आमतौर पर बोनस कहा जाता है, को लेकर चर्चा हुई.

बोनस की मांग पर लंबी बहस:

बैठक के दौरान यूनियन के सदस्यों ने 1.50 लाख रुपये का बोनस देने की मांग की, जबकि कोल इंडिया प्रबंधन ने शुरू में 85,000 रुपये बोनस की पेशकश की थी. यूनियन ने बाद में 1.25 लाख रुपये का प्रस्ताव रखा, जिस पर लंबी बहस और चर्चा हुई. अंततः दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी और 93,750 रुपये का बोनस तय किया गया.

बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी और यूनियन के सदस्य:

इस महत्वपूर्ण बैठक में कोल इंडिया के अध्यक्ष पीएम प्रसाद, सीएमडी (चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. वहीं, यूनियन की ओर से बीएमएस (भारतीय मजदूर संघ) के सुधीर एच घुरडे, मजरुल हक अंसारी, यदागिरी सथैया, एचएमएस (हिंद मजदूर सभा) के शिवकुमार यादव, नाथूलाल पांडेय, रियाज अहमद, एटक (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस) के रमेंद्र कुमार और हरिद्वार सिंह, तथा सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स) के डीडी रामानंदन और आरपी सिंह शामिल हुए.

बोनस से व्यापारियों को उम्मीदें:

इस बोनस की घोषणा से न सिर्फ कोयला कर्मियों में उत्साह है, बल्कि व्यापारियों में भी खुशी की लहर है. त्योहारी सीजन, विशेष रूप से दुर्गापूजा, दीवाली और छठ के दौरान बाजारों में व्यापार बढ़ने की उम्मीद है. कारोबारियों का मानना है कि बोनस की राशि मिलने से लोग त्योहारों पर अधिक खरीदारी करेंगे, जिससे बाजारों में रौनक आएगी.

कर्मचारियों और ठेका मजदूरों को होगा सीधा लाभ:

कोल इंडिया के इस निर्णय से न केवल स्थायी कर्मचारी बल्कि ठेका मजदूर भी लाभान्वित होंगे. बोनस की इस राशि का भुगतान सीसीएल के 32,000 कर्मियों के साथ-साथ अन्य कोयला कंपनियों के कर्मचारियों को भी किया जाएगा. बोनस की घोषणा ने पूरे कोयला क्षेत्र में खुशी का माहौल बना दिया है और कर्मियों के बीच सकारात्मकता और संतोष का भाव है.

कोयला कर्मियों के लिए बोनस का महत्व:

कोयला कर्मियों के लिए बोनस न केवल उनकी मेहनत का पुरस्कार है, बल्कि यह उनके जीवन स्तर को भी बेहतर बनाता है. इस वर्ष त्योहारों के समय बोनस की यह वृद्धि उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ उनके परिवारों के लिए भी खुशियां लेकर आएगी. कर्मियों का कहना है कि इस बोनस से उन्हें अपने त्योहारों को और अधिक हर्षोल्लास के साथ मनाने का मौका मिलेगा.

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