भूमि अधिग्रहण को लेकर कोल इंडिया ने नया विकल्प तैयार किया है| इसके तहत कोल इंडिया या उसकी अनुषंगी कंपनियां भूमि अधिग्रहण करने के ऐवज में नौकरी या नियमित मासिक भत्ता देने देगी। पहले भूमि अधिग्रहण करने पर दो एकड़ जमीन के बदले भू-स्वामी के परिवार में सहमति पर किसी एक व्यक्ति को नौकरी देने का प्रावधान था। वहीं अब नई स्कीम के अंतर्गतनौकरी की जगह मासिक भत्ते का भी विकल्प होगा जो उन्हें भूमि का कब्जा देने पर मिलेगा। ये प्रावधान जमीन के बदले नौकरी के अतिरिक्त विकल्प के रूप में प्रभावित भू-स्वामियों के लिए उपलब्ध रहेगा।
भूमि अधिग्रहण की ये नई स्कीम सीसीएल के साथ सभी कोल कंपनियों में लागू होगी। इस स्कीम से सबसे ज्यादा फायदा ऐसे परिवारों को मिलेगा जिनकी दो एकड़ से कम भूमि का अधिग्रहण हुआ है। कोल इंडिया बोर्ड के द्वारा अधिग्रहित भूमि के बदले भूमि पूनर्वासन एवं पुनर्स्थापना (आरएंडआर पॉलिसी) के अंतर्गत ‘कोल इंडिया एन्यूटी स्कीम 2020’ का अनुमोदन किया गया है। जिसमें प्रभावित भू-स्वामियों को कम से कम दो हजार एवं अधिकतम तीस हजार रुपये प्रति माह दिए जाने का प्रवाधान है।
सीसीएल में प्रचलित भूमि अधिग्रहण के बदले प्रति दो एकड़ पर एक नियोजन देने का प्रावधान है। ये पॉलिसी भी विकल्प के रूप में जारी रहेगी। नई स्कीम के अनुसार सीसीएल द्वारा अधिग्रहित भूमि के मालिक को मुआवजा के अतिरिक्त प्रतिमाह 30 वर्षों तक या परियोजना के चालू रहने तक (जो भी ज्यादा हो),150 रुपये प्रति डिसमील के आधार पर कम से कम दो हजार एवं अधिकतम तीस हजार रुपये मासिक दिया जाएगा। प्रभावितों को इसके अतिरिक्त मिलने वाले सभी लाभ पहले की तरह जारी रहेंगे।
कैसे बेहतर है नई स्कीम..
नौकरी की जगह मासिक भत्ता देने का ये विकल्प कई मायने में बेहतर है| दरअसल, कई बार प्रभावित भू-स्वामी के घर में कोई भी नियोजन में आने का इच्छुक नहीं होता है या फिर परिवारिक भूमि होने के कारण नौकरी किसे मिले इस बात का फैसला नहीं हो पाता है। ऐसे में प्रभावित परिवार इस पॉलिसी से लाभ ले सकेंगे। इसके अलावा यदि किसी प्रभावित के परिवार का सदस्य नियोजन के लिए जरूरी मापदंड पूरा नहीं करता था तो उसे नौकरी नहीं मिल पाती थी। जिसके कारण उस परिवार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था। लेकिन अब इस नई स्कीम के तहत परियोजना प्रभावित परिवार का सदस्य अगर नियोजन के मानदंड को पूरा नहीं पाता है तो वो भत्ता सुविधा का लाभ ले सकता है। माना जा रहा है कि इस योजना से हजारों रैयतों को लाभ मिलेगा।