झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए हेमंत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में आज सीएम हेमंत सोरेन ने दक्षिणी छोटानागपुर और कोल्हान प्रमंडल के मंत्री, सांसद और विधायकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की। इस दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर कई अहम सुझाव भी मिले।
सीएम ने कहा कि कोरोना को नियंत्रित करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है।वर्तमान हालात को देखते हुए कोरोना की चेन को तोड़ना निहायत जरूरी है, ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। इस सिलसिले में कड़े कदम उठाने पर भी सरकार विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाके में कोरोना को लेकर दवाइयों की कोई किल्लत नहीं होने दी जाएगी। सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कोरोना मेडिकल किट को लोगों तक पहुंचाने का निर्देश दे चुकी है। अबतक 45 हजार से ज्यादा कोरोना मेडिकल किट का वितरण किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 को लेकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान अहम सुझाव भी मिले हैं. इन्हीं सुझावों के आधार पर सरकार आगे कदम बढ़ायेगी। उन्होंने सांसद और विधायकों से कहा कि सभी की एकजुटता, सहभागिता और सहयोग से ही कोरोना को काबू में कर सकते हैं।
300 एक्स आर्मी मैन कोरोना वॉरियर्स के रूप में देंगे सेवा..
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक कल्याण बोर्ड के द्वारा उन्हें बताया गया है कि कोविड-19 से निपटने की दिशा में वे सरकार को हरसंभव मदद को तैयार हैं। इस सिलसिले में 300 एक्स आर्मी मैन कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपनी सेवा देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी ने पूरे देश में स्वास्थ्य से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सकों, नर्सों, पारा मेडिकल कर्मी और अन्य मैन पावर की कमी से सरकार अवगत है। इस दिशा में अगर कोई अवकाश प्राप्त चिकित्सक या अन्य कर्मी अपनी सेवा देने को इच्छुक हैं, तो वे इसकी जानकारी दें। सरकार इस दिशा में उनकी सेवा लेने के लिए जरूरी पहल करेगी। उन्होंने सांसदों और विधायकों से भी कहा कि अगर उनके संपर्क में ऐसे मैन पावर हैं, तो इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराएं।
बाहर से आनेवालों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर की होगी व्यवस्था..
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण इलाकों में संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से इन प्रवासी मजदूरों की कोरोना जांच कराने तथा उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में फिर से रखने की व्यवस्था शुरू की जा रही है। जो कोरोना पॉजिटिव पाए जाएंगे, उन्हें आइसोलेशन में रखा जाएगा। इनकी चिकित्सीय जरूरतों को पूरा करने के साथ लगातार मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
राज्य में अब 10 हजार से अधिक ऑक्सीजन युक्त बेड..
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरुआती दिनों में राज्य में मात्र कुछ सौ ऑक्सीजनयुक्त बेड थे, लेकिन आज इसकी संख्या बढ़कर 10 हजार से ज्यादा हो चुकी है। बेडों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इसके अलावा आईसीयू बेड तथा वेंटिलेटर्स की संख्या में भी इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेंटिलेटर्स इंस्ट़ॉल करने के लिए दक्ष तकनीशियन की जरूरत है, लेकिन इनकी संख्या कम है। इस वजह से कई अस्पतालों में वेंटिलेटर्स को इंस्टॉल नहीं किया जा सका है। सरकार इस दिशा में भी गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि लोग वेंटिलेटर तक नहीं पहुंचें, इससे पहले ही वे स्वस्थ होकर अपने घर चले जाएं, यह सरकार की विशेष प्राथमिकता है।
टीकाकरण को लेकर ग्रामीण इलाकों में भ्रांतियों को तोड़ना है..
मुख्यमंत्री को सांसद और विधायकों ने अवगत कराया कि ग्रामीण इलाके में कोरोना टीकाकरण को लेकर लोगों के बीच काफी भ्रांतियां हैं। वे टीका लगवाने से डर रहे हैं। लोगों में भ्रम पैदा कर रहे लोगों को चिह्नित करने के साथ लोगों को जागरूक करना नितांत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने सांसद और विधायकों से कहा कि लोगों के बीच टीकाकरण को लेकर जागरुकता फैलाने में आप सहयोग करें। इसमें तमाम संगठनों की भी मदद लें. मानकी मुंडा, ग्राम प्रधानों को भी विश्वास में लिया जाये, ताकि लोग टीकाकरण के लिए खुद आगे आयें। कोरोना की पहली लहर में ग्रामीण इलाके में लोगों ने बैरियर अथवा अन्य माध्यमों से बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने की कोशिश की थी, वैसी पहल फिर से करें. इससे कोरोना की चेन को तोड़ने में मदद मिलेगी।
कड़े कदम उठाने की है जरूरत..
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को नियंत्रित करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए कोरोना की चेन को तोड़ना निहायत जरूरी है, ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके. इस सिलसिले में कड़े कदम उठाने पर भी सरकार विचार कर रही है।
मौके पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद विद्युत वरण महतो, सुदर्शन भगत, गीता कोड़ा, संजय सेठ, महेश पोद्दार, दीपक प्रकाश, धीरज साहू, समीर उरांव के अलावा मंत्री चंपई सोरेन और मंत्री जोबा मांझी, विधायक रामदास सोरेन, संजीव सरदार, मंगल कालिंदी, दीपक बिरुआ, नीरल पुरती, सुखराम उरांव, दथरथ गागराई, सोनाराम सिंकू, सरयू राय, सविता महतो, विकास कुमार मुंडा, राजेश कच्छप, भूषण बाड़ा, नमन विक्सल कोनगाड़ी, कोचे मुंडा, नीलकंठ सिंह मुंडा, सीपी सिंह, समरी लाल, सुदेश महतो और बंधु तिर्की ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव को लेकर अपने सुझाव दिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त-सह- अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग श्री अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव श्री विनय कुमार चौबे मौजूद थे।