सदर अस्पताल रांची में मार्च से मिलेगी सिटी स्कैन और एमआरआई सुविधा….

रांची का सदर अस्पताल अब पूरी तरह से हाइटेक बनने की ओर बढ़ रहा है और यह सुविधाओं के मामले में रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) को भी टक्कर देगा. मरीजों के लिए मार्च 2025 से यहां रेडियोलॉजी जांच की सुविधा शुरू की जा रही है. इस सुविधा के तहत सिटी स्कैन (CT Scan) और एमआरआई (MRI) जांच की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे मरीजों को उन्नत और सस्ते दरों पर इलाज मिल सकेगा.

मार्च से शुरू होगी नई जांच सुविधाएं

• सदर अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर में आधुनिक मशीनें स्थापित की जाएंगी.

• 15 मार्च से सिटी स्कैन जांच की सुविधा शुरू होगी.

• मार्च के अंतिम सप्ताह तक एमआरआई जांच की सुविधा भी शुरू कर दी जाएगी.

इस नई सुविधा से गरीब मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत निशुल्क जांच की सुविधा मिलेगी. वहीं, सामान्य मरीजों के लिए सीजीएचएस (CGHS) दर पर यह सुविधा उपलब्ध होगी, जो निजी अस्पतालों की तुलना में काफी सस्ती होगी.

रिम्स के मरीज भी करा सकेंगे जांच

रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार के अनुसार, सदर अस्पताल में नई मशीनें इसी माह के अंत तक आ जाएंगी. अभी तक रिम्स (RIMS) में एमआरआई मशीन नहीं लग पाई है, जबकि मशीन का ऑर्डर दिए 5 महीने से अधिक का समय हो चुका है. इस कारण से रिम्स के भर्ती मरीजों को भी एमआरआई और सिटी स्कैन जैसी महत्वपूर्ण जांच के लिए बाहर जाना पड़ता था. लेकिन अब रिम्स के भर्ती मरीजों को भी जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा जाएगा. इसके लिए पहले से ही रिम्स और सदर अस्पताल के बीच एमओयू (Memorandum of Understanding) हुआ है. जिन मरीजों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल रहा है, वे भी सदर अस्पताल में निशुल्क जांच करा सकेंगे.

सदर अस्पताल में आधुनिक मशीनें लगाने की प्रक्रिया

• सदर अस्पताल में रेडियोलॉजी जांच को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड के तहत संचालित किया जाएगा.

• इस योजना के तहत सरकार को इन मशीनों की खरीद पर कोई खर्च नहीं करना पड़ा.

• केवल अस्पताल में जगह उपलब्ध कराई गई है और निजी एजेंसी यह सुविधा संचालित करेगी.

• मरीजों को सस्ती दरों पर जांच की सुविधा मिलेगी, जबकि भर्ती मरीजों की जांच निशुल्क की जाएगी.

रेडियोलॉजी विंग के संचालन के लिए कृष्णा डायग्नोसिस एजेंसी को चुना गया है, जो जांच सेवा के लिए अपने कर्मचारियों की नियुक्ति और भुगतान भी करेगी.

आयुष्मान योजना के तहत जांच सुविधा

आयुष्मान भारत योजना के तहत जिन गरीब मरीजों की सिटी स्कैन और एमआरआई जांच निशुल्क होगी, उनकी रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंपनी होगी. इसके बाद जांच एजेंसी को सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा.

• PPP मोड पर संचालित होने वाली यह जांच सुविधा अस्पताल प्रबंधन के लिए भी फायदेमंद होगी.

• प्रबंधन को जांच एजेंसी से 20% तक राजस्व प्राप्त होगा, जिससे अस्पताल की अन्य सुविधाओं में सुधार किया जा सकेगा.

निजी अस्पतालों के मरीज भी ले सकेंगे लाभ

मार्च के अंत तक सदर अस्पताल में सिटी स्कैन और एमआरआई की सुविधा पूरी तरह से शुरू हो जाएगी. इसके बाद, वे निजी अस्पताल जो सदर अस्पताल के साथ एमओयू करेंगे, उनके भर्ती मरीज भी यहां जांच करवा सकेंगे.

• निजी अस्पतालों को पहले एमओयू करना होगा.

• जो निजी अस्पताल अपने मरीजों के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं कराते हैं, उनके भर्ती मरीज भी सदर अस्पताल में यह जांच करवा सकेंगे.

• इससे उन मरीजों को राहत मिलेगी जो महंगी जांच दरों के कारण परेशानी झेल रहे थे.

रिम्स में अभी तक नहीं लगी एमआरआई मशीन

रिम्स में एमआरआई मशीन लगाने के लिए आदेश तो 5 महीने पहले ही दे दिया गया था, लेकिन अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. इससे मरीजों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अब रिम्स के मरीज भी सदर अस्पताल में जांच करा सकते हैं, जिससे मरीजों को समय और धन दोनों की बचत होगी.

सरकार को आर्थिक लाभ और मरीजों को राहत

• PPP मोड के तहत सदर अस्पताल में यह सुविधा बिना किसी सरकारी निवेश के शुरू की जा रही है.

• सरकार को कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ा है.

• मरीजों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली जांच सुविधा मिलेगी.

• सरकारी अस्पताल में उन्नत रेडियोलॉजी सुविधाएं शुरू होने से निजी अस्पतालों पर निर्भरता कम होगी.

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