मंगलवार को केंद्रीय उपक्रम दामोदर घाटी निगम पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निशाना साधा। जामताड़ा के विधायक डॉ इरफ़ान अंसारी के ध्यानाकर्षण के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने डीवीसी की जम कर खिंचाई की और साथ में ये भी कहा कि यदि विपक्ष साथ दे तो डीवीसी की नकेल कस देंगे। उन्होंने ये कहा कि डीवीसी से झारखण्ड वाकई त्रस्त है, डीवीसी ने झारखण्ड के करोड़ो रुपये काट लिए। यदि सदन सहमति दे और विपक्ष भी साथ दे तो हमलोग कोई बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि डीवीसी मोनोपोली करता है और सिर्फ उद्योग को बिजली देता है, ग्रामीणों को नहीं। सदन में ये सवाल भी उठे की क्या केंद्र सरकार डीवीसी के खिलाफ कार्रवाई करेगी? हेमंत सरकार ने एक बार फिर से विपक्ष का सहयोग मांगा जिसपर स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने कहा की सदन इस पर सर्वसम्मत हो।
इससे पहले डॉ इरफ़ान अंसारी ने कहा था कि दामोदर घाटी निगम की वजह से कई गाँव डूब जाते हैं। साथ ही सीएसआर के तहत भी डीवीसी ने कोई कार्य नहीं किये और डीवीसी के मैथन पावर प्रोजेक्ट की वजह से क्षेत्र में प्रदुषण फ़ैला रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि डीवीसी झारखण्ड का कोयला पानी इस्तेमाल कर हमें ही धौंस दिखाता है और डीवीसी के अधिकारीयों के पास शिकायत ले कर जाने पर ग्रामीणों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है।
इस बीच सदन में उपस्थित विधायक अमित यादव ने सवाल उठाये की क्या डीवीसी सवाल उठाये जाने के बाद ही कार्य करेगा ? क्या अधिकारी इस पर लगाम नहीं लगा सकते? साथ ही उन्होंने ये भी मांग की कि डीवीसी के चेयरमैन को बुला कर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक कराइ जाए।