6 जनवरी को झारखंड के नामकुम स्थित खोजा टोली मैदान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा मंईयां सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में राज्यभर से करीब तीन लाख महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री दोपहर एक बजे समारोह का उद्घाटन करेंगे. इसी दिन सरकार द्वारा मंईयां सम्मान योजना के तहत करीब 56 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 2500 रुपये की बढ़ी हुई सम्मान राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी.
सम्मान राशि में हुई वृद्धि
इस योजना के तहत पहले महिलाओं को 1000 रुपये सम्मान राशि दी जाती थी, जिसे दिसंबर 2024 से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है. सोरेन सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही इस बढ़ोतरी पर सहमति जताई थी.
समारोह की तैयारी
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने योजना के तहत सभी जिलों को आवंटित राशि उपलब्ध करवा दी है. 26 और 27 दिसंबर को टेस्ट के तौर पर प्रत्येक जिले की 100-200 महिलाओं के खातों में यह राशि ट्रांसफर की गई थी.
तिथि में हुआ बदलाव
पहले यह समारोह 28 दिसंबर 2024 को होना तय था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण राज्य में सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई. इसके चलते समारोह की तारीख बदलकर 6 जनवरी कर दी गई.
योजना के लिए फंड की व्यवस्था
इस वित्तीय वर्ष में मंईयां सम्मान योजना के लिए मूल बजट में कोई प्रावधान नहीं था. महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने अन्य योजनाओं के मद से धनराशि सरेंडर करवाई. प्रथम अनुपूरक बजट और झारखंड कंटिजेंसी फंड (JCF) के माध्यम से करीब 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई. वर्तमान में योजना के लिए 6391 करोड़ रुपये का फंड जुटाया गया है. इसके तहत विभिन्न विभागों से 4000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सरेंडर कराई गई.
फंड जुटाने के प्रयास
• पेयजल और स्वच्छता विभाग: नल-जल और चापाकल योजना से 1400 करोड़ रुपये.
• ग्रामीण विकास विभाग: ग्राम योजना से 900 करोड़ रुपये.
• खाद्य आपूर्ति विभाग: अनाज योजना से 600 करोड़ रुपये.
इसके अलावा, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, जल संसाधन आदि विभागों की योजनाओं से भी धनराशि सरेंडर कराई गई. माइनिंग सेस से 1000 करोड़ रुपये और पिछले दो सालों से अप्रयुक्त पड़े 2000 करोड़ रुपये भी इस योजना में लगाए गए.
अन्य योजनाओं का बजट
वित्तीय वर्ष के अंत तक मंईयां सम्मान योजना के लिए 7300 करोड़ रुपये, बिजली बिल माफी योजना के लिए 1800 करोड़ रुपये, बिरसा फसल बीमा योजना के लिए 250 करोड़ रुपये और बिजली टैरिफ सब्सिडी के लिए 767 करोड़ रुपये की जरूरत होगी. सरकारी खजाने में फिलहाल करीब 5000 करोड़ रुपये हैं, जिनसे प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं को पूरा किया जा रहा है.
महिलाओं को राहत और सरकार की रणनीति
इस योजना के तहत सम्मान राशि बढ़ाने का फैसला विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले कैबिनेट में लिया गया था. सरकार का मानना है कि यह योजना महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ उन्हें सरकार से जोड़ने में सहायक होगी. समारोह में महिलाओं की भारी उपस्थिति का अनुमान लगाया जा रहा है, जो इस योजना की लोकप्रियता को भी दर्शाता है.