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मधुपुर के मैदान में कूदे मुख्यमंत्री, बीजेपी ने जिला प्रशासन के खिलाफ की शिकायत..

मधुपुर उपचुनाव की लड़ाई में अब राज्य के मुखिया हेमंत सोरेन कूद पड़े हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री 4 दिवसीय चुनावी यात्रा के तहत मधुपुर पहुंच चुके हैं। यहां वे हर प्रखंड में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भी मंथन करेंगे। इसके बाद 14 अप्रैल को वे वापस रांची लौटेंगे।

वहीं दूसरी तरफ आज बीजेपी ने मधुपुर जिला प्रशासन की शिकायत चुनाव आयोग से की है। बीजेपी के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य चुनाव पदाधिकारी के रवि कुमार को एक ज्ञापन सौंपा है । ज्ञापन में कहा है कि मधुपुर उपचुनाव में जिला प्रशासन के सर्वोच्च पदाधिकारी से लेकर निचले कर्मचारी तक पूरा प्रशासन जेएमएम का कार्यकर्ता बनकर काम कर रहा है ।

बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने शिकायत की है कि पूरे विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी का झंडा, बैनर जबरन हटाया जा रहा है। जबकि, जेएमएम के एक भी कार्यकर्ता या समर्थक के घर से झंडा नहीं उतारा जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि जबरन झंडा उतारने में जिस पदाधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाए उन्हें तत्काल चुनाव कार्य से मुक्त और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो।

बीजेपी की शिकायत पर मुख्य चुनाव पदाधिकारी के रवि कुमार ने तत्काल देवघर एसडीओ को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही निर्देश दिया है कि किसी भी पार्टी के साथ भेदभाव ना हो और नियम सम्मत कार्य हो। उन्होंने जांच में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

दरअसल इस बार मधुपुर का उपचुनाव बेहद अलग माना जा रहा है। राज्य बनने के बाद से लेकर अब तक देवघर जिला के मधुपुर विधानसभा सीट पर 2005, 2014 और 2019 में भाजपा और झामुमो के बीच सीधी टक्कर हुई। सिर्फ 2009 में झामुमो का सामना जेवीएम से हुआ। फिर भी अब तक हुए चार चुनावों में दो बार झामुमो तो दो बार भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई।

पिछले साल मंत्री हाजी हुसैन के असमय निधन के कारण मधुपुर में उपचुनाव हो रहा है। यहां 17 अप्रैल को वोटिंग होगी लेकिन इस बार मैदान में न तो हाजी हुसैन अंसारी हैं और न ही राज पलिवार। इस बार चेहरे बदल गए हैं और आमने-सामने हैं झामुमो के हफीजुल हसन और भाजपा के गंगानारायण सिंह। अब हफीजुल को पिता की विरासत बचानी है, तो आजसू से भाजपा में आए गंगा नारायण को यह साबित करना है कि वह राज पलिवार से भी मजबूत हैं। दूसरी तरफ इस चुनाव में महागठबंधन और एनडीए एकता की भी परीक्षा होनी है।

साल 2020 के दुमका और बेरमो उपचुनाव में भाजपा की सेंध लगाने की सारी कोशिश नाकाम हो गई थी। इन दोनों सीटों पर भाजपा ने उन्हीं प्रत्याशियों पर दांव लगाया था, जिनकी 2019 के चुनाव में हार हुई थी, लेकिन मधुपर में भाजपा ने रणनीति बदल दी। इस बार भाजपा ने गंगा नारायण को आजसू से लाकर प्रत्याशी बनाया है। वहीं हेमंत सोरेन ने चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले ही हाजी हुसैन के बेटे हफीजुल को मंत्री बनाकर क्षेत्र में संदेश दे दिया है, कि यह सीट झामुमो के लिए कितना मायने रखती है।