मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का वादा: जनजातीय संस्कृति को मिलेगी विश्व में पहचान….

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024 का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने जनजातीय संस्कृति को विश्व पटल पर पहचान दिलाने की प्रतिबद्धता जाहिर की. मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए चुनौतियों का सामना करते हुए जनजातीय संस्कृति और विरासत को सहेजने और संवारने का कार्य तेजी से जारी है.

वन पट्टा वितरण के माध्यम से ग्रामीण विकास

महोत्सव के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री सोरेन ने 257 लोगों को वन पट्टा प्रमाण पत्र वितरित किए. इस कार्यक्रम के तहत 73,583 एकड़ सामुदायिक वन पट्टा वितरित किया गया. इसके अलावा, 2,289.5 एकड़ जमीन पर व्यक्तिगत रूप से वन पट्टा भी सौंपा गया. इस दौरान 99 एकड़ जमीन सखियापीड़ी में और 919.25 एकड़ जमीन बोकाबेड़ा में बांटी गई. गुमला जिले में भी 11.37 एकड़ वन पट्टा बांटा गया.

जनजातीय संस्कृति और आस्था को मिलेगा संबल

मुख्यमंत्री ने आदिवासी महोत्सव के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह महोत्सव झारखंड की अनमोल धरोहर है. उन्होंने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से राज्य की समृद्ध आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पहचान मिलेगी. उन्होंने कहा कि आज के समय में जनजातीय समाज को आगे बढ़ने के लिए मिलजुल कर काम करना होगा. मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार जनजातीय समाज की आस्थाओं और आकांक्षाओं का सम्मान करती है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के चलते राज्य के दूरदराज इलाकों में रहने वाले आदिवासी समाज को भी अब उनके अधिकार मिलने लगे हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह महोत्सव आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और आने वाले समय में यह आयोजन और भी भव्य और व्यापक रूप से मनाया जाएगा.

वीर योद्धाओं का सम्मान

मुख्यमंत्री ने वीर योद्धाओं के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड की धरती वीरों की भूमि है. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने अपने खून-पसीने से इस भूमि को सींचा है और हमें उनकी विरासत पर गर्व है. उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल उनकी यादों को ताजा करता है बल्कि हमें उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा भी देता है.

आदिवासी समाज में एकजुटता को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज की एकजुटता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने कहा कि आज के समय में समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न जनजातीय संगठनों और समाज के प्रमुख व्यक्तियों को भी संबोधित किया और उन्हें इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए बधाई दी.

विशाल जनसमूह की उपस्थिति

उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री सोरेन के साथ राज्यपाल समेत राज्य के कई गणमान्य व्यक्ति और नेता भी उपस्थित थे. महोत्सव में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए और इस आयोजन को एक ऐतिहासिक स्वरूप दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज के विकास और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का उद्देश्य जनजातीय समाज के विकास और उन्हें मुख्यधारा में लाने का है. उन्होंने कहा कि यह महोत्सव जनजातीय समाज की ताकत और उनकी विरासत को दर्शाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है.

आदिवासी महोत्सव की विशेषताएं

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य राज्य की समृद्ध आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देना और आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे संरक्षित करना है. उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से राज्य के आदिवासी समाज की कला, संस्कृति और परंपराओं को न केवल देशभर में बल्कि विश्व भर में पहचान दिलाई जाएगी.

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