नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड की प्रसंशा करते हुए कहा कि झारखण्ड में पिछले तीन सालों में विकास की रफ्तार में तेजी आई है। झारखण्ड में आधारिक संरचना के क्षेत्र में वित्तीय अंशदान की काफी संभावनाएं हैं और इस राह में सरकार लगातार कोशिश कर रही है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म के सिद्धान्तों को जमीन पर उतारते हुए झारखण्ड को उचित सहयोग प्रदान किया जाय, जिससे प्रफुल्ल भारत की रूपरेखा को साकार करने में झारखण्ड भी अपनी साझेदारी दर्ज करा सके। मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद् की 8वीं बैठक में शामिल होकर अपनी बातों को रखा। मुख्यमंत्री ने कहा पिछले सालों में राज्य सरकार द्वारा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक बुनियादी सुविधाओं को पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किये गये हैं। मैं इस बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि झारखण्ड देश के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य करने हेतु सदैव तत्पर रहा है एवं रहेगा।
विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने हेतु हो रहा प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने एवं झारखण्ड की मूलभूत सरंचना को मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने के लिए प्रक्रियाओं के प्रगति पर भी विशेष ध्यान दिया। उन्होंने निवेश का जिक्र करते हुए बोला की सरकार के कोशिश से निवेशकों में भरोसा बढ़ेगा और निवेशक प्राकृतिक एस्टेट्स से संपूर्ण राज्य में निवेश हेतु प्रोत्साहित होंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र को दृढ़ करने के लिए भिन्न एमएसएमई निदेशालय की स्थापना एवं अभी के जिला उद्योग केन्द्रों को जिला एमएसएमई केन्द्र के रूप में डेवलप करने की योजना है। बता दें की राज्य एवं जिला में सयोग स्थापित कर 2.8 लाख से अधिक पंजीबद्ध एमएसएमई उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य में एमएसएमई प्रेरणा नीति 2023 और एमएसएमई स्पेशल सुविधा अधिनियम 2023 का फॉर्मेट तैयार किया गया है, जिसे जल्दी लागू किया जाएगा। बता दें की एमएसएमई सेक्टर में स्थायी पूंजी पर देय पूंजीगत सब्सिडी को 25% से बढ़ाकर अधिक से अधिक 40% तक किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार एमएसएमई के रैंप कार्यक्रम के तहत स्ट्रेटेजिक निवेश योजना भी तैयार कर रही है। इतना ही नहीं राज्य में वर्तमान लागू खरीद नीति को भी रिवाइज किया जा रहा है, ताकि स्थानीय एमएसएमई को और अधिक महत्व दिया जा सके। इसके लिए नई पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे जल्दी लागू किया जाएगा। इस सुविधा से समाज के कमजोर वर्गों और महिलाएं, जनजाति और दिव्यांग व्यवसायी के स्वामित्व वाले उद्योगों को अधिक लाभ मिल सकेगा।
झारखण्ड उत्कृष्ट रहा है, इज ऑफ डूइंग बिजनेस में
मुख्यमंत्री ने कहा व्यापार में झारखण्ड का प्रदर्शन हमेशा से शानदार रहा है। व्यापार सुधार कार्य योजना के शुरुवात के 5 एडिशन में झारखण्ड हमेशा टॉप 10 राज्यों की सूची में रहा है। रिडक्शन ऑफ कंप्लायंस बर्डन कार्यक्रम के अन्तर्गत महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिसमें विशेष प्रक्रियाओं को आसान और तर्कसंगत बनाना है। उन्होंने बोला दो सालों में यथा 2021 और 2022 में व्यवसायों के साथ साथ नागरिक सेवाओं से संबंधित करीब 507 कंप्लायंस बर्डन को कम किया गया है साथ ही डिक्रिमिनलाइजेशन की दिशा में भी सरकार काम कर रही है, जिसका उद्देश्य छोटे विरोध पर सजा के स्थान पर फाइनेंशियल सजा का नियम करना है, ताकि व्यवसायियों और नागरिकों में डर का माहौल खत्म। इसी के साथ राज्य के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के द्वारा एक धारा को कम कर दिया है और 8 धाराओं को गैर-अपराधीकरण के लिए प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।
आने जाने के लिए साधन को विकसित करने का हो रहा कार्य, एनएच के डेवलपमेंट का अनुरोध
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आवागमन का साधन विकसित करने का काम हो रहा रहा है। राष्ट्रीय उच्च पथ घनत्व को राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने के लिए करीब आठ प्रमुख सड़क कारिडोर (1662.50 किमी) को भी चिन्हित किया है।
जिससे राज्य में उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम कनेक्टिविटी दृढ़ होगी। उन्होंने साहिबगंज और मनिहारी घाट बिहार के गंगा नदी के बीच राजमहल और बंगाल के मानिकचक के मध्य गंगा नदी पर उच्चस्तरीय सेतु बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से अनुरोध किया गया है।
इस प्रोजेक्ट के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने बोला होली टूरिस्ट कॉरिडोर और सेंट्रल कारिडोर को चिन्हित कर डीपीआर तैयार किया जा रहा है और इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन में केंद्र से सहयोग की अपेक्षा है।
43 शहरों का जीआइएस आधारित मास्टर प्लान
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में नगरीय क्षेत्रों एवं आबादी का निरंतर विकास हो रहा है। इसी के अनुरूप नगरीय संरचनाओं एवं नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रयास किये जा रहे है।
इसके तहत 10 शहरों का नगर विकास योजना एवं छह शहरों का समेकित मोबिलिटी प्लान तैयार कर लिया गया है। राज्य के कुल 43 शहरों का जीआइएस आधारित मास्टर प्लान भी तैयार कर लिया गया है।