झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के प्राथमिक विद्यालयों को डिजिटल शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण सौगात दी है. शुक्रवार को धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन सभागार में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में उन्होंने प्राइमरी स्कूलों के कुल 28,945 शिक्षकों के बीच टैबलेट (टैब) का वितरण किया. इस कदम का उद्देश्य राज्य के बच्चों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना और शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल रूप में सुदृढ़ करना है.
तकनीकी शिक्षा की दिशा में झारखंड सरकार का बड़ा कदम
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज का समय तकनीक और डिजिटल माध्यमों पर आधारित है. हर क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन का प्रभाव बढ़ रहा है, चाहे वह खेती-बाड़ी हो या व्यापार. शिक्षा भी इससे अछूती नहीं रह सकती. स्मार्ट क्लासरूम की अवधारणा को और आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों को टैबलेट दिए जाएं, ताकि वे आधुनिक तरीकों से बच्चों को पढ़ा सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल युग में हर चीज के दो पहलू होते हैं—एक सकारात्मक और एक नकारात्मक. अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम किस पहलू को अपनाते हैं. सरकार का उद्देश्य है कि शिक्षक इन टैबलेट्स का सही उपयोग करें और बच्चों को डिजिटल शिक्षा से जोड़े.
विद्यालय रिपोर्ट कार्ड और सतत क्षमता विकास कार्यक्रम का शुभारंभ
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने “विद्यालय रिपोर्ट कार्ड” का भी ऑनलाइन शुभारंभ किया. यह एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा, जिसके जरिए स्कूलों के प्रदर्शन को ट्रैक किया जाएगा. इसमें स्कूलों की सुविधाएं, शिक्षकों की उपलब्धता, छात्रों की उपस्थिति, परीक्षा परिणाम और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी डिजिटल रूप में संकलित की जाएगी. इसके अलावा, शिक्षकों के लिए “सतत क्षमता विकास कार्यक्रम” की भी शुरुआत की गई. यह कार्यक्रम शिक्षकों के कौशल विकास और नई शिक्षण पद्धतियों को सीखने के लिए शुरू किया गया है, ताकि वे छात्रों को और बेहतर शिक्षा दे सकें.
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का संबोधन
कार्यक्रम में झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने भी भाग लिया और इसे राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के डिजिटलीकरण की दिशा में लगातार कार्य कर रही है. टैबलेट का वितरण इसी कड़ी में एक अहम कदम है, जिससे शिक्षकों और छात्रों के बीच सूचना के आदान-प्रदान को और आसान बनाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि डिजिटल साधनों का सही उपयोग कर बच्चे अपने भविष्य को और बेहतर बना सकते हैं. उन्होंने “विद्यालय रिपोर्ट कार्ड” को सरकार का एक अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय बताते हुए कहा कि इससे स्कूलों की प्रगति पर नजर रखना आसान होगा और आवश्यक सुधार किए जा सकेंगे.
सरकार का लक्ष्य – गुणवत्तापूर्ण डिजिटल शिक्षा
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि झारखंड के सरकारी स्कूलों को भी डिजिटल तकनीक से लैस किया जाए, ताकि वे निजी स्कूलों की तरह आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बन सकें. स्मार्ट बोर्ड, टैबलेट, ई-लर्निंग कंटेंट और अन्य डिजिटल सुविधाओं को सरकारी स्कूलों तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिक्षकों से अपील की कि वे इस डिजिटल क्रांति का पूरा लाभ उठाएं और इसे झारखंड की शिक्षा व्यवस्था के सुधार में उपयोग करें. उन्होंने कहा कि सरकार की यह पहल शिक्षकों को और अधिक सशक्त बनाएगी, जिससे वे बच्चों को नए जमाने की जरूरतों के अनुरूप शिक्षा देने में सक्षम होंगे.