झारखंड में गृह रक्षकों (स्वयंसेवकों) को अब पुलिस कर्मियों के समकक्ष दैनिक कर्तव्य पारिश्रमिक मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद राज्यभर के गृह रक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के इस फैसले को गृह रक्षकों ने एक बड़ी सौगात करार दिया और इसे लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय, रांची में जमकर जश्न मनाया.
मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया
गृह रक्षकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें इस निर्णय के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इस फैसले से उनके घर-परिवार में हर्ष का माहौल है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गृह रक्षकों का अभिवादन स्वीकार करते हुए कहा कि गृह रक्षक राज्य सरकार का अभिन्न अंग हैं, और उनकी भलाई का ख्याल रखना सरकार का दायित्व है. उन्होंने गृह रक्षकों से अपील की कि वे भी राज्य की भलाई में अपना योगदान दें। इस अवसर पर विधायक कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं.
सभी को सम्मान के साथ जीने का अधिकार
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य की जनता हो या सरकारी कर्मी, सभी को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. राज्य सरकार सभी को उनका हक और अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है. गृह रक्षकों की वर्षों से लंबित मांग को पूरा कर सरकार ने उन्हें एक बड़ा तोहफा दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार में सभी की भागीदारी पूरे मान-सम्मान के साथ हो, यह हमारी प्राथमिकता है.
साढ़े चार वर्षों में कई अहम फैसले
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार के साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में विभिन्न श्रेणियों और संवर्गों के कर्मियों के हित में कई निर्णायक फैसले लिए गए हैं. पुरानी पेंशन योजना को लागू करना, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि करना, अनुबंधित कर्मचारियों की सेवा शर्तों में सुधार करना आदि ऐसे फैसले हैं, जिन्होंने सरकारी कर्मियों के कार्य माहौल को बेहतर किया है.
गृह रक्षकों के लिए बड़ी सौगात
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने 10 अगस्त को अपने 49वें जन्मदिन के अवसर पर गृह रक्षकों को पुलिस कर्मियों के समकक्ष दैनिक कर्तव्य पारिश्रमिक देने का फैसला किया था. इस निर्णय के तहत अब गृह रक्षकों को प्रतिदिन ₹1088/- का पारिश्रमिक मिलेगा. यह फैसला गृह रक्षकों के लिए एक बड़ी राहत और सम्मान का प्रतीक है.
गृह रक्षकों का उत्साह
इस फैसले के बाद राज्य भर के सैकड़ों गृह रक्षक मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय पहुंचे और ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया. उन्होंने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर अपनी खुशी जाहिर की. इस अवसर पर सभी गृह रक्षकों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और उन्हें इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के इस फैसले को गृह रक्षकों के लिए एक बड़ी सौगात माना जा रहा है, जिसने उनके मनोबल को ऊंचा किया है और उनके सम्मान को बढ़ाया है. इस निर्णय से राज्यभर में गृह रक्षकों के बीच एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है.