लोक आस्था का महापर्व चैती छठ मनाया जा रहा है। आज दोपहर के बाद से ही सूर्य भगवान को पहला यानी कि संध्या अर्घ्य दिया जाएगा। अर्घ्य देने के लिए व्रती छठ गीत गाते हुए नदी तालाब जाएंगे। विधि विधान से पूजा के बाद सूर्यास्त के समय अर्घ्य देंगे। इसके बाद सोमवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत संपन्न हो जाएगा।
हालांकि बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर लोग भी सचेत हैं। कई लोग अपने घरों में ही पानी की व्यवस्था कर परिवारजनों के साथ मिलकर वहीं छठ पूजा कर रहे हैं।
वैसे चैती छठ बहुत कम लोग ही करते है, लेकिन इसकी मान्यता अधिक है। तपती गर्मी में भी व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। शनिवार को खरना का प्रसाद ग्रहण करने के साथ छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हाे गया है। अब सोमवार को सुबह का अर्घ्य देने के साथ छठ का व्रत पूरा होगा।