मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अधिवक्ता राजीव कुमार और अमित अग्रवाल पर आरोप गठित..

पैसे लेकर पीआईएल मैनेज करने के मामले में आज ईडी की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। इस मामले में आज आरोपी अधिवक्ता राजीव कुमार और व्यवसायी अमित अग्रवाल पर आरोप गठित कर दिया गया है। ईडी के विशेष न्यायधीश पीके शर्मा ने कोर्ट में आरोपों को पढ़ कर सुनाया। इस दौरान अधिवक्ता राजीव कुमार और व्यवसायी अमित अग्रवाल सशरीर कोर्ट में मौजूद थे।

ट्रायल फेस करेंगे आरोपी..
ईडी की विशेष अदालत में आरोप गठित किए जाने के बाद दाखिल आरोपों से आरोपियों ने खुद को इनकार कर दिया। उन्होंने ट्रायल फेस करने की बात कही। आरोपियों पर अपराध गठित होने के बाद की कार्रवाई की जाएगी। ईडी की ओर से अधिवक्ता शिव कुमार ने बहस की। वहीं अधिवक्ता राजीव कुमार का पक्ष शंभू अग्रवाल ने रखा। व्यवसायी अमित अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता विद्युत चौरसिया ने बात रखी। बता दें कि छह अप्रैल को राजीव कुमार एवं अमित अग्रवाल के डिस्चार्ज पिटिशन को ईडी कोर्ट ने खारिज कर दिया था। ईडी ने 13 अक्टूबर 2022 को राजीव कुमार एवं अमित अग्रवाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। फिलहाल दोनों आरोपी जमानत पर हैं।

हाईकोर्ट से मिली थी जमानत..
अधिवक्ता राजीव कुमार को पहले ईडी कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था। झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद राजीव कुमार को जमानत देने का फैसला लिया। अदालत ने उन्हें एक-एक लाख के दो निजी मुचलके पर रिहा करने का निर्देश दिया।

क्या है पूरा मामला..
31 जुलाई 2022 को कोलकाता पुलिस ने अधिवक्ता राजीव कुमार को गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल ने हेयर स्ट्रीट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस संबंध में बताया जाता है कि एक पीआईएल से अधिवक्ता अमित अग्रवाल का नाम हटाने के एवज में राजीव कुमार ने 10 करोड़ की रिश्वत मांगी थी लेकिन डील 1 करोड़ रुपये में फाइनल हुई। इसी रकम का आधा हिस्सा यानी 50 लाख रुपये लेने के लिए राजीव कोलकाता गए थे। वहां हैरिसन स्ट्रीट स्थित बिजनेस कॉम्प्लेक्स से उनको गिरफ्तार किया गया। ईडी ने बाद में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया था।

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