रांची रेल डिविजन के 10 स्टेशनों का स्वरूप बदल दिया गया है, जिससे यात्री सुविधाओं में बड़ा सुधार हुआ है. इन स्टेशनों में बालसिरिंग, लोदमा, कर्रा, गोविंदपुर, बकसपुर, पोकला, पाकड़ा, कुरकुरा, महाबुआंग और बानो शामिल हैं. इसके अलावा, कनरवा, टाटी, और ओरगा स्टेशनों पर भी यात्री सुविधाओं का विकास कार्य अंतिम चरण में है. इन सभी स्टेशनों को हटिया-बंडामुंडा दोहरीकरण प्रोजेक्ट और अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत आधुनिक बनाया गया है.
स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में सुधार:
रांची रेल डिविजन के तहत आने वाले इन 10 स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में सुधार और विस्तार किया गया है. पाकड़ा स्टेशन का स्वरूप पूरी तरह से बदल दिया गया है, जहां एक नया तीन मंजिला स्टेशन भवन का निर्माण किया गया है. इस भवन में यात्रियों के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था, टिकट काउंटर, शौचालय, प्लेटफॉर्म पर फुटओवर ब्रिज और पोर्टिको जैसी सुविधाएं शामिल हैं. इसके अलावा, दिव्यांग यात्रियों के लिए स्टेशन तक आने-जाने के लिए विशेष सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं. बकसपुर और कुरकुरा जैसे पिछड़े स्टेशनों को भी अब नया जीवन मिल चुका है. पहले जहां इन स्टेशनों पर दो-तीन कमरों में कार्य संचालित होते थे, वहीं अब यहां नया तीन मंजिला स्टेशन भवन बना दिया गया है. इन स्टेशनों पर बैठने की जगह, टिकट काउंटर, शौचालय और प्लेटफॉर्म पर फुटओवर ब्रिज जैसी सुविधाओं को जोड़ा गया है. इसके अलावा, बानो स्टेशन में लिफ्ट, वेटिंग हॉल, प्लेटफॉर्म शेड और नए स्टेशन भवन का निर्माण किया गया है.
हटिया-बंडामुंडा दोहरीकरण प्रोजेक्ट की उपलब्धि:
हटिया-बंडामुंडा दोहरीकरण प्रोजेक्ट के अंतर्गत 101 किलोमीटर के रेलमार्ग का दोहरीकरण पूरा कर लिया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में इस परियोजना के तहत 24 किलोमीटर का दोहरीकरण कार्य किया गया था. इस प्रोजेक्ट के तहत विकसित किए गए स्टेशनों का स्वरूप और यात्री सुविधाएं काफी हद तक बदल चुकी हैं, जिससे रेल यात्रा और अधिक सुगम हो गई है. इस परियोजना का उद्देश्य रांची रेल डिविजन के ट्रैफिक लोड को कम करना और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है. लोदमा स्टेशन से पिस्का स्टेशन को जोड़ा जा रहा है, जिससे लोदमा से आने वाली ट्रेनें हटिया स्टेशन पर रुके बिना सीधे पिस्का स्टेशन पहुंच जाएंगी. इस नई लाइन के शुरू होने से हटिया स्टेशन पर ट्रैफिक लोड में कमी आएगी और विशेष रूप से मालगाड़ियां लोदमा से सीधे पिस्का स्टेशन तक जा सकेंगी. इससे हटिया स्टेशन के यातायात में सुधार होगा और मालगाड़ियों की आवाजाही में भी तेजी आएगी.
अमृत भारत स्टेशन योजना का कार्यान्वयन:
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रांची रेल डिविजन के 14 स्टेशनों को विकसित किया जाना है, जिनमें 11 स्टेशन झारखंड में और 3 स्टेशन पश्चिम बंगाल में हैं. इस योजना के तहत स्टेशनों के भवन, प्लेटफॉर्म शेड, फुटओवर ब्रिज, वेटिंग हॉल, और अन्य यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. यह योजना यात्रियों के लिए एक बेहतर अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से लागू की गई है, जिसमें यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और आराम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. डीआरएम रांची, जसमीत सिंह बिंद्रा के अनुसार, हटिया-बंडामुंडा दोहरीकरण प्रोजेक्ट के तहत कई स्टेशनों पर विकास कार्य पूरा कर लिया गया है और अन्य स्टेशनों पर कार्य तेजी से जारी है. परबाटोनिया और ओरगा स्टेशनों में भी निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है और जल्द ही ये स्टेशन भी नए रूप में यात्रियों के लिए खुलेंगे.
स्टेशनों के विकास से क्षेत्र को लाभ:
इन स्टेशनों के विकास से न केवल यात्री सुविधाओं में सुधार हुआ है, बल्कि इससे स्थानीय क्षेत्र के विकास में भी मदद मिल रही है. इन स्टेशनों के माध्यम से लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी और यह क्षेत्रीय व्यापार को भी बढ़ावा देगा. यात्रियों को अब अधिक आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव होगा, जिससे उनकी यात्रा की गुणवत्ता में सुधार होगा. स्टेशनों के विकास के साथ-साथ रेलवे ने सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया है. स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और सुरक्षा बलों की तैनाती भी की गई है. इससे स्टेशनों पर सुरक्षा की स्थिति और मजबूत हुई है और यात्रियों को सुरक्षित माहौल में यात्रा करने का भरोसा मिला है.
भविष्य की योजनाएं और अपेक्षाएं:
रांची रेल डिविजन में स्टेशनों के विकास की यह पहल आने वाले समय में भी जारी रहेगी. रेलवे का लक्ष्य है कि यात्रियों को उच्चतम स्तर की सुविधाएं प्रदान की जाएं और रेलवे यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाया जाए. इन प्रयासों के तहत, रेलवे प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी नए और उन्नत स्टेशन पर्यावरण के अनुकूल हों और ऊर्जा बचत के उपायों का पालन करें.