झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा सरकार में मंत्री चंपाई सोरेन की हालिया दिल्ली यात्रा और उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ से झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का नाम हटाने के बाद उनके भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं. रविवार को दिल्ली पहुंचने के बाद, जब उनसे बीजेपी में शामिल होने की चर्चा पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वे केवल अपने निजी काम के सिलसिले में दिल्ली आए हैं और इस यात्रा का कोई राजनीतिक महत्व नहीं है. लेकिन, चंपई सोरेन की इस यात्रा और उनके हालिया कदमों ने झारखंड की राजनीति में खलबली मचा दी है.
दिल्ली यात्रा के बारे में चंपई सोरेन का स्पष्टीकरण
रविवार को दिल्ली पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत में चंपई सोरेन ने कहा, “मैं यहां सिर्फ अपने बच्चों से मिलने आया हूं. मेरा यहां आना-जाना लगा रहता है क्योंकि मेरे बच्चे दिल्ली में रहते हैं. मेरी इस यात्रा का कोई राजनीतिक महत्व नहीं है.“ हालांकि, उनके इस बयान से अटकलें शांत होने के बजाय और तेज हो गईं, क्योंकि इस समय झारखंड की राजनीति में उनका बीजेपी में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है. चंपई सोरेन ने जोर देकर कहा, “अभी मैं वहीं हूं, जहां पर पहले था.“ जब उनसे कोलकाता में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे भी खारिज कर दिया और कहा कि वे केवल निजी काम के लिए दिल्ली आए हैं. उन्होंने कहा, “मेरी कोलकाता में किसी से मुलाकात नहीं हुई है. मैं दिल्ली अपने काम के सिलसिले में आया हूं, और भविष्य में आप सभी को इसके बारे में जानकारी दूंगा”.
सोशल मीडिया पर पार्टी से दूरी का संकेत
चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) से अपने नाम के आगे से झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का नाम हटा दिया है. इसके साथ ही, उनके पैतृक गांव स्थित घर से भी पार्टी का झंडा हटाए जाने की खबरें आई हैं. इन कदमों ने उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को और मजबूती दी है. हालांकि, सोरेन ने अब तक इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है, जिससे झारखंड के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.
झामुमो विधायकों के बयान और राजनीतिक हलचल
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक दशरथ गागराई ने चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की खबरों का खंडन किया है. गागराई ने कहा, “हम गुरु शिबू सोरेन को अपना नेता मानते हैं और उनके साथ हर स्थिति में खड़े रहेंगे. भले ही हमें आधी रोटी खानी पड़े, लेकिन गुरुजी के मान-सम्मान को हम कभी कम नहीं होने देंगे”. गागराई के इस बयान ने झामुमो के भीतर एकजुटता का संकेत दिया, लेकिन चंपई सोरेन की गतिविधियों ने पार्टी में बेचैनी बढ़ा दी है. पार्टी में उनके असंतोष की खबरें पहले से ही चर्चा में थीं, खासकर तब जब वे हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए काफी मान-मनौव्वल के बाद तैयार हुए थे.
संजय राउत की प्रतिक्रिया और राजनीतिक साजिश के आरोप
चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है. राउत ने कहा, “झारखंड से जो खबरें आ रही हैं, वह चिंताजनक हैं. हेमंत सोरेन को परेशानी में डालने के लिए कुछ लोगों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. उनकी सरकार मजबूत है, लेकिन उसे कमजोर करने के प्रयास हो रहे हैं. अगर चुनाव की घोषणा कर दी जाती, तो चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती और इस तरह की राजनीतिक साजिशें नहीं होतीं.“ राउत के इस बयान से यह स्पष्ट है कि विपक्षी दलों को भी चंपई सोरेन की गतिविधियों पर संदेह है और वे इसे राज्य सरकार के खिलाफ एक राजनीतिक साजिश के रूप में देख रहे हैं.
चंपई सोरेन के राजनीतिक भविष्य पर अटकलें
चंपई सोरेन की हालिया गतिविधियों ने झारखंड की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दिया है. अगर वे बीजेपी में शामिल होते हैं, तो यह राज्य की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होगा. चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के पुराने और प्रमुख नेता रहे हैं, और उनके पार्टी छोड़ने का फैसला झामुमो के लिए बड़ा झटका हो सकता है. इसके अलावा, अगर चंपई सोरेन और झामुमो के अन्य विधायक बीजेपी में शामिल होते हैं, तो यह हेमंत सोरेन की सरकार के लिए खतरा साबित हो सकता है. झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो सकता है, जिससे राज्य की राजनीति में भारी उथल-पुथल हो सकती है.