सीबीएसई ने नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में स्किल आधारित शिक्षा पर विशेष जोर दिया है। इसका उद्देश्य छात्रों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल प्रदान करना है, ताकि वे भविष्य की चुनौतियों और अवसरों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें।
शहर के विभिन्न स्कूलों में औसतन 5-6 स्किल विषय पढ़ाए जा रहे हैं। छात्रों को इनमें से एक विषय चुनने की आजादी दी गई है। दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश छात्रों की पहली पसंद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) है। इसके अलावा, आईटी, रोबोटिक्स, कोडिंग, और वेब डिज़ाइन जैसे विषय भी छात्रों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं।
कक्षा 6 से 8 तक के लिए सीबीएसई ने 33 स्किल मॉड्यूल जारी किए हैं, जिनकी समयावधि 12-15 घंटे है। ये मॉड्यूल 70% व्यवहारिक गतिविधियों और 30% थ्योरी पर आधारित हैं। वहीं, कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए 22 स्किल मॉड्यूल और कक्षा 11 और 12 के लिए 43 स्किल मॉड्यूल उपलब्ध कराए गए हैं।
सीबीएसई बोर्ड ने स्कूलों में कंपोजिट स्किल लैब स्थापित करने का निर्देश दिया है। इन लैब्स में छात्रों को स्किल विषयों से जुड़े प्रैक्टिकल करने का मौका मिलेगा। लैब्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, और ब्यूटी एंड वेलनेस जैसे विषयों के उपकरण उपलब्ध होंगे।
बोर्ड लगातार स्किल विषयों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहा है। स्कूलों में नए विषय भी जोड़े जा रहे हैं। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जो छात्र कक्षा 6 में कोई स्किल विषय चुनते हैं, वे उसे कक्षा 10 तक जारी रखें।”
रांची के स्कूलों में निम्नलिखित स्किल विषयों की पढ़ाई हो रही है:
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)
- आईटी और कोडिंग
- वेब डिज़ाइन और रोबोटिक्स
- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर
- ब्यूटी एंड वेलनेस
- मास मीडिया, ट्रैवल एंड टूरिज्म
- फाइनेंशियल लिटरेसी और हॉर्टीकल्चर
स्किल आधारित शिक्षा का महत्व
आज के समय में स्किल एजुकेशन बेहद जरूरी है। इससे छात्रों को न केवल नौकरी के बेहतर अवसर मिलते हैं, बल्कि यह उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाता है। सीबीएसई का यह कदम विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान और योग्यता आधारित शिक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।”
नए सत्र में जोड़े जाएंगे और विषय
अगले शैक्षणिक सत्र से कई स्कूलों में और नए स्किल विषय जोड़े जाएंगे। स्कूल प्रबंधन ने इसकी तैयारी पहले ही शुरू कर दी है। छात्रों और अभिभावकों में इस बदलाव को लेकर उत्साह है।
सीबीएसई की इस पहल से न केवल छात्रों को बेहतर शिक्षा मिलेगी, बल्कि उनका आत्मविश्वास और करियर के प्रति दृष्टिकोण भी मजबूत होगा।