राष्ट्रीय खेल घोटाले में बंधु तिर्की और बोकारो के विपिन कुमार सिंह के घर सीबीआई का छापा..

राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में आज सीबीआई ने झारखंड के पूर्व खेलमंत्री बंधु तिर्की के रांची बनहोरा आवास पर सुबह-सुबह छापेमारी की है. इसके साथ झारखंड कबड्डी एसोसिएशन सचिव विपिन कुमार सिंह के बोकारो आवास पर भी सीबीआई ने धमक दी है. राष्ट्रीय खेल घोटाले मामले में सीबीआई की टीम बोकारो पहुंची है. जहां झारखंड कबड्डी एसोसिएशन के सचिव सह बोकारो ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन कुमार सिंह के सेक्टर 8/C स्थित क्वार्टर नंबर 2201 पर छापेमारी की जा रही है. बोकारो में छापेमारी कर रही टीम धनबाद से आयी है. इस टीम में चार सदस्य हैं. अब तक मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई की टीम घर के लोगों से पूछताछ कर रही है. साथ ही कागजों को भी खंगालने की भी सूचना है.

जानकारी मिली है कि सीबीआई की छापेमारी सिर्फ बंधु तिर्की के यहां ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय खेल घोटाले में सभी आरोपितों के पूरे देश में डेढ़ दर्जन लगभग 16 से अधिक ठिकानों पर छापा चल रहा है. अबतक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार झारखंड में 12, पटना में दो और दिल्ली में दो ठिकानों पर सीबीआई का छापा पड़ा है. पटना रेंज के सीबीआई डीआईजी ने बताया कि हम लोगों ने दिल्ली हेड क्वार्टर को सूचना दे दी है. बता दें कि सीबीआई पटना की टीम द्वारा रांची में छापेमारी की गई है.

एंटी करप्शन ब्यूरो ने साल 2019 में किया था गिरफ्तार..
रांची में हुए 34 वें राष्ट्रीय खेल में घोटाले की बात सामने आयी थी. इसके बाद कार्रवाई करते हुए झारखंड के खेल मंत्री रहे बंधु तिर्की को 03 सितंबर 2019 (बुधवार) को गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी तब राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में बंधु तिर्की को रांची के सिविल कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया गया था. यह गिरफ्तारी एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने की थी. राष्ट्रीय खेल घोटाला में यह तीसरी गिरफ्तारी है. इसके पहले एसएम हाशमी और पीसी मिश्रा को इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था. एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बंधू तिर्की को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया था. अभियुक्त बनाये जाने के बाद निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट की शरण ली थी, लेकिन बंधु तिर्की को दोनों ही न्यायालय निराशा हाथ लगी. पहले निचली अदालत ने उसके बाद हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था.

जानिए राष्ट्रीय खेल घोटाले को लेकर क्या है आरोप..
तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की पर धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में वित्तीय अनियमितता बरतने के आरोप हैं. ज्ञात हो कि स्क्वैश कोर्ट के निर्माण की जिम्मेदारी मुंबई की कंपनी जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को दी गयी थी. कंपनी ने 1,44,32,850 रुपये का एस्टीमेट दिया था. आयोजन समिति के महासचिव एसएम हाशमी और तत्कालीन खेल निदेशक तथा सचिव की अनुशंसा के बाद इस प्रस्ताव की फाइल तत्कालीन विभागीय मंत्री (खेल मंत्री) बंधु तिर्की के पास भेजी गयी थी.बंधु तिर्की ने नीतिगत निर्णय लेते हुए 20 अक्टूबर, 2008 को इसे अनुमोदित कर दिया. इसमें कंपनी को अग्रिम 50 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया, लेकिन बाद में बिना स्वीकृति के भुगतान के कारण वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई कर रही जांच..
राष्ट्रीय खेल घोटाले मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने बहुचर्चित राष्ट्रीय खेल घोटाले जांच की प्रक्रिया शुरू की थी. इसी कड़ी में सीबीआइ पटना की टीम ने मामले में दर्ज कांड संख्या 49/10 को टेकओवर किया है. सीबीआइ ने झारखंड पुलिस के एसीबी से भी घोटाले से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं. पूर्व में मामले की जांच एसीबी कर रही थी. एसीबी के पास भी आयोजन में गड़बड़ी किये जाने से संबंधित साक्ष्य की उपलब्धता बतायी जाती है.

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