रांची : डोमिसाइल मामले में अदालत ने सरकार से शपत पत्र दायर करने को कहा..

झारखण्ड के हाई कोर्ट में बुधवार को बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने वाले 35 विद्यार्थियों के मेडिकल में नामांकन पर रोक को लेकर सुनवाई हुई। इस सुनवाई पर, जस्टिस राजेश शंकर ने सरकार को सभी सम्बंधित विद्यार्थियों से अंडरटेकिंग लेने को कहा जिसमे वे इस बात को स्वीकार करे कि उन्होने दोनों राज्यों में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं दिए हैं।

विवेक कुमार द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि नीट द्वारा मेडिकल में नामांकन को लेकर परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसके बाद, नीट एप्लीकेशन नंबर से जांच करने पर पता चला है कि बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ लेने वाले 35 स्टूडेंट्स ने झारखंड कोटे में भी नामांकन को लेकर यहां का आवासीय प्रमाण पत्र संलग्न किया है। यह तक कि इनकी काउंसेलिंग भी हो चुकी है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि नियम अनुसार, कोई भी छात्र दो राज्यों में एक साथ आवासीय प्रमाण पत्र का लाभ नहीं उठा सकता है। अगर ऐसा होता है तो यहां के छात्रों का हक मारा जायेगा। इसलिए दोहरा लाभ लेने वाले विद्यार्थियों के नामांकन पर रोक लगाई जाए।

17 नवंबर को बिहार के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन को लेकर परीक्षाफल प्रकाशित किया गया था। इसके बाद 19 नवंबर को झारखंड के मेडिकल कॉलेज में नामांकन को लेकर परीक्षाफल प्रकाशित किया गया।