सहारा इंडिया की कंपनी ‘ई-स्कूट रेंटल सॉल्यूशन’ के खिलाफ सीआईडी ने राज्य के लोगों से लगभग 100 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में केस दर्ज किया है। यह मामला बोकारो स्टील सिटी निवासी शंकर दयाल दुबे की लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है। सीआईडी ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।
शिकायतकर्ता ने लगाया बड़ा आरोप
शंकर दयाल दुबे ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने अपनी बेटी के नाम पर 10 लाख रुपये का एसीबीआई का चेक आदर्श को-ऑपरेटिव सहारा कार्यालय में जमा किया था। इस ब्रांच के मैनेजर सुरेंद्र कुमार हैं, जबकि जोनल मैनेजर सुंदर झा हैं। रांची हेड सोमित सिंह, कंपनी हेड आदित्य बनर्जी और लखनऊ हेड के मुख्य अधिकारी पीके पालित हैं।
शिकायतकर्ता के अनुसार, कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें यह समझाया था कि जमा राशि पर उन्हें 12 महीने तक हर माह 12,500 रुपये मिलेंगे। इसके अतिरिक्त, चार महीने बाद 8,400 रुपये का बोनस भी मिलेगा। साथ ही, एक वर्ष बाद उनका 10 लाख रुपये का मूलधन भी वापस कर दिया जाएगा।
दो महीने तक मिला भुगतान, फिर बंद हो गया पैसा आना
अधिकारियों की बातों पर विश्वास करके शिकायतकर्ता ने निवेश कर दिया। शुरू में दो महीने तक उन्हें 12,500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से कुल 25,000 रुपये मिले, लेकिन इसके बाद भुगतान आना बंद हो गया। जब उन्होंने कंपनी के कार्यालय के कई चक्कर लगाए, तो उन्हें बार-बार आश्वासन दिया गया कि जल्द ही उनका पैसा मिल जाएगा।
हालांकि, समय बीतने के साथ अधिकारियों ने शिकायतकर्ता का फोन उठाना भी बंद कर दिया। इसके बाद उन्हें महसूस हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। शिकायतकर्ता का दावा है कि यह कंपनी झारखंड के सैकड़ों लोगों से करीब 100 करोड़ रुपये की ठगी कर चुकी है।
सीआईडी ने शुरू की जांच
सीआईडी ने इस मामले में कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और अब मामले की गहराई से जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि सहारा इंडिया की यह स्कीम एक तरह से निवेशकों को लुभाने के लिए बनाई गई थी, जिसमें मुनाफे का लालच देकर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई।
राज्यभर में इस मामले को लेकर निवेशकों में भारी आक्रोश है। कई अन्य लोग भी इस घोटाले की चपेट में आ सकते हैं। सीआईडी ने सभी पीड़ित निवेशकों से आगे आकर अपनी शिकायत दर्ज कराने की अपील की है, ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
आगे की कार्रवाई
सीआईडी ने संकेत दिया है कि वह जल्द ही मामले में शामिल अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुला सकती है। साथ ही, जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह घोटाला सिर्फ झारखंड तक सीमित है या अन्य राज्यों में भी इसी तरह की ठगी हुई है।
यह मामला निवेशकों के लिए एक चेतावनी भी है कि वे किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले पूरी तरह से जांच-पड़ताल करें और गारंटीड मुनाफे के लालच में न आएं।