दुर्गोत्सव : उत्सव के माहौल में डूबी राजधानी..

रांची : शारदीय नवरात्र में महाषष्ठी पर शहर के अधिसंख्य पूजा पंडाल के पट सोमवार को शाम में खुल गए। पंडालों में मां की अराधना के शास्त्रीय अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। मां भगवती के आगमन की खुशी में शहर में उत्सव का माहौल शुरू हो गया है। महामारी कोरोना काल में कई तरह की बंदिशों के बीच मां के आगमन की खुशी से पूरा शहर झूमने लगा है। आने वाले चार दिन तक शहर में माहौल दुर्गामय बना रहेगा। हर तरफ मां भगवती की कृपा पाने के लिए श्रद्धालुओं में ललक दिखने लगी है। वहीं कुछ पंडाल आज खुलेंगे। इसी दिन सुबह में नव पत्रिका प्रवेश के बाद पंडाल में विराजमान देवी भगवती एवं अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

जिन पूजा पंडालों में पट खुल गए हैं वहां शाम के बाद विधिवत पूजा-अर्चना शुरू हुई। भक्त ऐसे पंडालों पर पहुंच कर मां के दर्शन कर रहे हैं। पंडालों के साथ-साथ शहर उत्सवी माहौल में डूब गया है। चहल-पहल के बीच बाजार में लोगों की भीड़ बढ़ गयी है। मेन रोड में भीड़ बढ़ने से दोपहर बाद रूक-रूक कर जाम की स्थिति बन रही है। हालांकि इस बार पूजा पंडालों में कोरोना का अक्स स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। जिस भव्यता के लिए रांची के पूजा पंडाल जाने जाते रहे हैं। इस बार वह पूरी तरह से गायब है। कुछ पूजा पंडालों को छोड़ दें तो हर जगह रौनक फीकी है।

इधर पूजा समितियों के मुताबिक इस बार अधिक भीड़ होने की संभावना है। पंडालों की बात करें तो इस बार राजस्थान मित्र मंडल लाइव ब्रह्मांड दिखा रहा है। रांची रेलवे स्टेशन के पूजा पंडाल में बांस की कारीगरी की गई है और पंडाल के हर जगह उल्लू को दर्शाया गया है। इसके माध्यम से प्रार्थना की गई है कोरोना महामारी के बाद उत्पन्न विकट परिस्थितियों से महालक्ष्मी मुक्त कराएं। इसके साथ ही माता की प्रतिमा इस तरीके से तैयार की गई है जिससे या प्रदर्शित हो रहा है कि माता बच्चों को और बुजुर्गों को कोरोना से बचाएं।

सबसे भव्य तरीके से रांची रेलवे वहीं आकर्षक तरीके से पंडाल बनाने वाले बकरी बाजार में इस बार केवल खानापूर्ति की गई। यहां सिर्फ विधिवत तरीके से पूजा कर परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। आरआर स्पोटिंग क्लब रातू रोड में बेहद सामान्य तरीके से भव्यता को प्रदर्शित किया गया। वहीं बांग्ला स्कूल में इस बार ना ही झूले हैं और ना ही पंडाल भव्यता सिर्फ परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है।