हजारीबाग में अभ्यर्थियों ने पीएम मोदी से की मुलाकात, सीजीएल परीक्षा की गड़बड़ियों की दी जानकारी…..

हजारीबाग में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से झारखंड संयुक्त स्नातक योग्यताधारी प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल)-2023 के अभ्यर्थियों ने मुलाकात कर परीक्षा में हुई गड़बड़ियों और पेपर लीक की शिकायतें की. प्रधानमंत्री से मिलने वाले अभ्यर्थियों के समूह में कुणाल प्रताप सिंह, प्रकाश पोद्दार, स्वेता प्रधान, मनीष कुमार, विनय कुमार और रोहित सिंह शामिल थे. प्रधानमंत्री ने ग्रीन रूम में इन अभ्यर्थियों से करीब 10 मिनट तक बातचीत की और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना.

सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक का आरोप

अभ्यर्थियों ने प्रधानमंत्री को बताया कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा 21 और 22 सितंबर को आयोजित की गई सीजीएल परीक्षा में पेपर लीक होने की बात सामने आई है. कई अभ्यर्थियों के पास परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध थे. अभ्यर्थियों ने बताया कि परीक्षा के दौरान पूरे राज्य में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी, फिर भी पेपर लीक की घटना हुई. इतना ही नहीं, गणित, रीजनिंग और कंप्यूटर के पेपर-तीन में पूछे गए सभी 60 प्रश्न पहले से ही रिपीट थे. इनमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया था— न कोमा, न फुलस्टॉप और न ही क्रम संख्या. इसके अलावा, हिंदी और अंग्रेजी के भी 120 प्रश्न पिछले परीक्षाओं से सीधे तौर पर दोहराए गए थे. अभ्यर्थियों ने यह भी बताया कि परीक्षा प्रक्रिया में कई और खामियां हैं, जिन्हें राज्य सरकार नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने पीएम मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुजारिश की ताकि उनकी मांगों पर ध्यान दिया जा सके.

शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद प्राथमिकी दर्ज

पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों के विरोध में अभ्यर्थियों ने जेएसएससी कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था. इसके बावजूद पुलिस ने नामकुम थाना में 14 नामजद और 1,000 से अधिक अज्ञात अभ्यर्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इस घटना ने अभ्यर्थियों में आक्रोश पैदा कर दिया है, और उन्हें लग रहा है कि राज्य सरकार उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रही है. अभ्यर्थियों ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) में अध्यक्ष का पद काफी समय से खाली है, जिसकी वजह से परीक्षाओं का आयोजन और परिणाम घोषित करने में देरी हो रही है. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे झारखंड के अभ्यर्थियों का भविष्य अनिश्चित हो गया है.

अनिश्चितकालीन सत्याग्रह की शुरुआत

सीजीएल परीक्षा को रद्द करने और पेपर लीक मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने बुधवार से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू कर दिया है. सत्याग्रह बापू वाटिका के समक्ष आयोजित किया जा रहा है, जहां सैकड़ों अभ्यर्थी छात्र नेता इमाम सफी के नेतृत्व में शामिल हुए हैं. इमाम सफी ने सत्याग्रह के दौरान कहा कि महात्मा गांधी के बताए हुए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि झारखंड में जेएसएससी और जेपीएससी भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके हैं. सीजीएल परीक्षा में इंटरनेट सेवा बंद कर भ्रष्टाचार को छिपाने का प्रयास किया गया है. उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें हताश होने की जरूरत नहीं है. गांधीजी के आदर्शों पर चलते हुए ही वे परीक्षा रद्द करवा कर छात्रों को न्याय दिलाएंगे. उन्होंने अभ्यर्थियों से अपील की कि वे धैर्य रखें और सत्य के मार्ग पर चलें, क्योंकि यही रास्ता उन्हें उनके अधिकार दिलाएगा.

अभ्यर्थियों का संघर्ष

इस सत्याग्रह के दौरान कई प्रमुख छात्र नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे, जिनमें राजेश कुमार रंगीला, कहकशां कमाल, रवि कुमार, योगेश चंद्र भारती, शेख मोहसीन, चंदन कुमार, परवेज आलम और उम्मे हबीबा शामिल थे. इन सभी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अभ्यर्थियों का समर्थन किया और कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक अभ्यर्थियों को न्याय नहीं मिल जाता.

अभ्यर्थियों की मांगें

अभ्यर्थियों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर स्पष्ट रूप से मांग की है कि सीजीएल परीक्षा को रद्द किया जाए और मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक जेपीएससी में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होती, परीक्षाओं का आयोजन और परिणामों की घोषणा भी अटकी रहेगी. अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार इस ओर तुरंत ध्यान दे और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती रही, तो उनका आंदोलन और तेज होगा.

प्रधानमंत्री का आश्वासन

अभ्यर्थियों की बात सुनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा और इस दिशा में उचित कार्रवाई की जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि अभ्यर्थियों की मांगें जायज हैं और सरकार इस पर ध्यान देगी.

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