म्यांमार में हाल ही में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिसमें एक हजार से अधिक लोगों की जान चली गई. लगातार आ रहे भूकंप से भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि, झारखंड के लोगों के लिए राहत की बात यह है कि राज्य भूकंप के सुरक्षित जोन में आता है. विशेषज्ञों के अनुसार, यहां भूकंप आने की संभावना कम है और अगर आता भी है तो जान-माल का नुकसान न्यूनतम होता है.
झारखंड का भूकंप जोन में स्थान
झारखंड का अधिकांश हिस्सा स्थिर भूमि क्षेत्र में आता है, जिसे भूगोल में गुंडवाना लैंड कहा जाता है. कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा के भूगोल विभाग की प्रमुख डॉ. सुनीता कुमारी के अनुसार, झारखंड के कुछ हिस्से जोन दो और कुछ हिस्से जोन तीन में आते हैं. यह श्रेणी अपेक्षाकृत सुरक्षित मानी जाती है और यहां कोई बड़ा नुकसान होने की संभावना नहीं होती.
जमशेदपुर और अन्य शहरों की स्थिति
विशेषज्ञों के अनुसार, जोन दो में आने वाले क्षेत्रों में भूकंप की संभावना बहुत कम होती है. जमशेदपुर के अलावा बैंगलोर, हैदराबाद, विशाखापटनम, नागपुर, रायपुर, ग्वालियर, जयपुर, तिरुचिरापल्ली और मदुरै जैसे शहर भी इसी जोन में आते हैं. जमशेदपुर में लगभग 20 से अधिक भवन ऐसे हैं, जिन्हें शेषमीक लोड डिजाइन के अनुसार बनाया गया है, जिससे वे भूकंप के झटकों को सहन कर सकते हैं.
भूकंप कैसे आता है?
धरती की ऊपरी सतह कई टैक्टानिक प्लेटों से बनी होती है, जो अंदर मौजूद गरम लावे के ऊपर तैर रही होती हैं. ये प्लेट जब एक-दूसरे से टकराती हैं या एक-दूसरे के नीचे सरकती हैं, तो ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो सतह तक पहुंचकर भूकंप के रूप में महसूस की जाती है. यदि यह टकराव तेज होता है, तो भूकंप की तीव्रता अधिक होती है और भारी नुकसान हो सकता है.
विभिन्न तीव्रता पर भूकंप का प्रभाव
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है, जिसकी विभिन्न श्रेणियां इस प्रकार हैं:
- 2.0 से कम: इंसान को महसूस नहीं होता.
- 2.0 से 2.9: सामान्य रूप से महसूस नहीं होता.
- 3.0 से 3.9: कभी-कभी हल्के झटके महसूस होते हैं, पर नुकसान नहीं होता.
- 4.0 से 4.9: हल्की थरथराहट होती है, लेकिन बड़े नुकसान की संभावना कम होती है.
- 5.0 से 5.9: कमजोर संरचनाओं को नुकसान पहुंच सकता है.
- 6.0 से 6.9: 160 किलोमीटर के दायरे में गंभीर प्रभाव डाल सकता है.
- 7.0 से 7.9: बड़े क्षेत्रों में तबाही मचा सकता है.
- 8.0 से 8.9: सैकड़ों किलोमीटर तक विनाशकारी हो सकता है.
- 9.0 से अधिक: हजारों किलोमीटर तक व्यापक तबाही मचा सकता है.
जमशेदपुर में भूकंप सुरक्षा उपाय
भले ही जमशेदपुर भूकंप के सुरक्षित क्षेत्र में आता हो, लेकिन यहां ऊंची इमारतों को भूकंप रोधी तकनीक के साथ बनाया जाता है. सभी 100 फीट से ऊंची इमारतों के नक्शे शेषमीक लोड डिजाइन के अनुसार पास किए जाते हैं. इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि भूकंप के झटकों का प्रभाव न्यूनतम हो. जमशेदपुर में ऐसे लगभग 20 भवन हैं, जिनका निर्माण भूकंपरोधी तकनीक से किया गया है.