रांची में उग्रवादी रंगदारी की धमकी से कारोबारी परेशान, पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी…..

रांची शहर में हाल ही में उग्रवादी रंगदारी के मामलों की संख्या बढ़ गई है. पिछले दस महीनों में पीएलएफआइ (पोलितिकल लीग फॉर इंडीजिनस) के नाम पर छह कारोबारियों से करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगी गई है. हालांकि, पुलिस ने इन सभी मामलों में प्राथमिकी दर्ज की है, लेकिन किसी भी मामले में अब तक कोई ठोस खुलासा नहीं हो सका है. शहर के कारोबारियों में दहशत का माहौल है, और कई बड़े कारोबारी पुलिस से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. रंगदारी के इन मामलों में कई बार जिस फोन नंबर से रंगदारी की मांग की गई थी, उसका लोकेशन तो निकाला गया, लेकिन संदिग्धों की गिरफ्तारी में कोई प्रगति नहीं हुई है. पुलिस का कहना है कि सभी मामलों में जांच चल रही है और यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रंगदारी की मांग उग्रवादियों ने की है या किसी अन्य अपराधी ने.

रंगदारी की मांग से परेशान कारोबारी

  • सुखदेव नगर (9 अगस्त): इलाके के जगदीश प्रसाद से पीएलएफआइ के नाम पर एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई.पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई है.
  • लालपुर थाना (28 अगस्त): बिल्डर संजय से दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है.संजय और हेमंत से एक ही नंबर से रंगदारी की मांग की गई है. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाए हैं.
  • अरगोड़ा थाना (28 अगस्त): अरगोड़ा में बिल्डर हेमंत से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई.पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की है, लेकिन अब तक उस फोन नंबर का लोकेशन नहीं मिल सका है जिससे रंगदारी की मांग की गई थी.
  • तुपुदाना थाना (20 नवंबर, 2023): गंगा कंस्ट्रक्शन के मालिक राजीव पांडेय से पीएलएफआइ के नाम पर 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी.पैसे नहीं देने पर ‘फौजी’ कार्रवाई की धमकी दी गई थी. इस मामले में भी पुलिस की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है.
  • अरगोड़ा थाना (7 अगस्त): एक आइएएस के रिश्तेदार निशित कुमार से पीएलएफआइ ने एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी.इस मामले में भी पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की, लेकिन अभी तक रंगदारी मांगने वालों का पता नहीं चला है.
  • बरियातू थाना (25 जून): अम्बे माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड में काम करने वाले समीत चटर्जी से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी.पीएलएफआइ द्वारा एसएमएस भेजा गया था. इस मामले में भी पुलिस को कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है, हालांकि फोन नंबर लातेहार का निकला था.

पुलिस की जांच और अगला कदम

पुलिस अब जेल में बंद पीएलएफआइ के उग्रवादियों से पूछताछ करने की योजना बना रही है. पीएलएफआइ के प्रमुख दिनेश गोप समेत कई उग्रवादी जेल में बंद हैं. पुलिस का कहना है कि इन उग्रवादियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा सकती है, जिससे रंगदारी के मामलों की गुत्थी सुलझाई जा सकेगी.

 

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