झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार यानी 25 फरवरी से शुरू हो रहा है। इस बार का सत्र काफी हंगामेदार होने की आशंका है। हाल के दौरान घटी कई घटनाओं का प्रभाव सत्र पर पड़ेगा। बरही रूपेश मॉब लिंचिंग और क्षेत्रीय भाषाओं के रूप में सभी जिलों में उर्दू को शामिल करने के विरोध में भाजपा सरकार को घेरेगी। आगामी 25 मार्च तक चलने वाले इस सत्र में 17 कार्य दिवस होंगे। तीन मार्च को राज्य का बजट पेश किया जाएगा। इसके बाद बजट और अनुदान मांगों पर चर्चा होगी। 24 और 25 मार्च को सरकार विधेयक लाएगी।
बजट सत्र को ध्यान में रखते हुए विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने आज राज्य के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। गुरुवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष के बैठक का कार्यक्रम है। बजट सत्र के सुचारू रूप से संचालन के लिए यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है, पर भाजपा ने कहा है कि वह इस बैठक का बहिष्कार करेगी। भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने बुधवार को कहा कि उनके पास विधानसभा अध्यक्ष का पत्र आया है, परंतु वे बैठक में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी हैं, पर एक साजिश के तहत विधानसभा अध्यक्ष उन्हें सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाते हैं। ऐसे में वे स्वयं उस बैठक में नहीं जाएंगे।
मुख्य कार्यक्रम..
25 फरवरी : राज्यपाल का अभिभाषण, शोक प्रकाश 28 फरवरी : प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2021-22 के तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी की उपस्थापना आदि। 02 मार्च : प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2021-22 के तृतीय अनुपूरक पर वाद-विवाद, मतदान, इससे संबंधी विनियोग विधेयक पेश होगा। 03 मार्च : वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश होगा, प्रश्नकाल 04 मार्च : प्रश्नकाल और बजट पर चर्चा होगी। 07 मार्च : प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री प्रश्नकाल, बजट पर अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का जवाब और मतदान।
सदन में हेमंत सोरेन को इन सवालों पर घेरेगी भाजपा..
सदन में मुख्य विपक्षी भाजपा के विधायक कई सवालों को लेकर हेमंत सोरेन सरकार को घेरने की कवायद करेंगे। उन्होंने बकायदा इसकी पूरी तैयारी भी कर रखी है। हजारीबाग में रूपेश हत्याकांड के बाद सांप्रदायिक तनाव, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अपने नाम से खनन पट्टा लेने, स्थानीय भाषा की सूची से भोजपुरी और मगही को हटाने, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा हेमंत सोरेन के खिलाफ दिए गए बयान, बोकारो में भाजपा अध्यक्ष रहे रविन्द्र राय पर हमला आदि आदि अमह मुद्दे होंगे, जिस पर हंगामा भी होने की उम्मीद है। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष की कोशिश होगी कि सदन शांति पूर्ण संपन्न हो।
राज्यपाल के अभिभाषण से प्रारंभ होगी सदन की कार्यवाही..
मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (संसदीय कार्य) के अनुसार, इस बजट सत्र को राज्यपाल रमेश बैस शुक्रवार को संबोधित करेंगे। उनके अभिभाषण के बाद सदन में अध्यादेश की प्रति पटल पर रखी जाएगी। इसके बाद शोक प्रस्ताव रखा जाएगा।
झारखंड विधानसभा में किस दिन क्या होने वाला है..
- 25 फरवरी : राज्यपाल रमेश बैस अभिभाषण प्रस्तुत करेंगे। अध्यादेश की प्रति पटल पर रखी जाएगी। इसके पश्चात शोक प्रस्ताव रखा जाएगा।
- 26 और 27 फरवरी : इन दो दिनों तक सदन में बैठक नहीं होगी। अवकाश रहेगा।
- 28 फरवरी : प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री प्रश्नकाल, राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद होगा। राज्य सरकार का उत्तर तथा मतदान होगा।
- 01 मार्च : आज कोई बैठक नहीं होगी। सदन में अवकाश घोषित रहेगा।
- 02 मार्च : प्रश्नकाल के अलावा वित्तीय वर्ष 2021-22 का तीसरा अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।
- 03 मार्च : प्रश्नकाल के अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्ययक का उपस्थापन।
- 04 मार्च : प्रश्नकाल के साथ-साथ आय-व्ययक पर सदन में विवाद होगा।
- 05 से 06 मार्च : आज सदन में बैठक नहीं होगी। अवकाश घोषित रहेगा।
- 07 मार्च : प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री प्रश्नकाल, आय-व्ययक पर वाद-विवाद। सरकार का उत्तर तथा मतदान।
- 08 मार्च : प्रश्नकाल, आय-व्ययक पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर तथा मतदान।
- 09 मार्च : प्रश्नकाल, आय-व्ययक पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर तथा मतदान।
- 10 मार्च : प्रश्नकाल, आय-व्ययक पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर तथा मतदान।
- 11 मार्च : प्रश्नकाल, आय-व्ययक पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर तथा मतदान।
- 12 व 13 मार्च : आज सदन में कोई बैठक नहीं होगी। अवकाश घोषित रहेगा।
- 14 मार्च : प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री प्रश्नकाल, आय-व्ययक पर वाद-विवाद, राज्य सरकार का उत्तर तथा मतदान।
- 15 मार्च : प्रश्नकाल, आय-व्ययक पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर तथा मतदान।
- 16 फरवरी से 20 मार्च : आज सदन में अवकाश घोषित होने के कारण बैठक नहीं होगी।
- 21 मार्च : प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री प्रश्नकाल, आय-व्ययक पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर तथा मतदान।
- 22 मार्च : प्रश्नकाल, आय-व्ययक पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर तथा मतदान।
- 23 मार्च : प्रश्नकाल, आय-व्ययक पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर तथा मतदान, आय-व्यय के विनियोग विधेयक का उपस्थापन एवं पारण।
- 24 मार्च : प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य (यदि हो)।
- 25 मार्च : प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य (यदि हो), गैर सरकारी सदस्यों के कार्य (गैर सरकारी संकल्प)।