झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से शुरू हो गया है. इस सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई, जिसमें उन्होंने सरकार की उपलब्धियों, सुशासन और विकास की दिशा में किए गए प्रयासों को रेखांकित किया. राज्यपाल ने कहा कि सरकार को जनता का अपार जनादेश मिला है, जो यह साबित करता है कि यह सरकार जनता के दिलों में बसती है. उन्होंने विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य कर रही है. हालांकि, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने हंगामा किया और टोकाटोकी की. इसके बावजूद, सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने मेज थपथपाकर राज्यपाल के संबोधन का स्वागत किया. थोड़ी देर तक हंगामे के बाद भाजपा विधायक अपनी सीटों पर बैठ गए, और इसके बाद राज्यपाल ने अपने अभिभाषण को पूरा किया.
सरकार की योजनाएं और सुशासन पर जोर
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया, जिनका उद्देश्य राज्य के विकास और जनता के जीवन स्तर में सुधार करना है. उन्होंने “अबुआ आवास योजना” और “मंईयां सम्मान योजना” का जिक्र करते हुए कहा कि इन योजनाओं से राज्य में सकारात्मक बदलाव आया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सुशासन केवल एक शब्द नहीं है, बल्कि सरकार इसे धरातल पर लागू कर रही है. राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठा रही है और कानून के शासन को प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने बताया कि सरकार साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठा रही है. साथ ही, बाल श्रम उन्मूलन के लिए भी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. औद्योगिक विकास को गति देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है, ताकि राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा सकें.
विधानसभा बजट सत्र का विस्तृत कार्यक्रम
बजट सत्र का आयोजन 24 फरवरी से 27 मार्च तक किया गया है, जिसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा और बहस होगी. बजट सत्र का विस्तृत कार्यक्रम इस प्रकार है:
• 24 फरवरी: राज्यपाल का अभिभाषण, शोक प्रकाश और अध्यादेशों को सदन के पटल पर रखना.
• 25 फरवरी: प्रश्नकाल, राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और चर्चा.
• 26 फरवरी: बैठक नहीं होगी.
• 27 फरवरी: प्रश्नकाल, तृतीय अनुपूरक व्यय विवरणी का प्रस्तुतिकरण, अभिभाषण पर बहस और सरकार का उत्तर.
• 28 फरवरी: प्रश्नकाल, अनुपूरक व्यय विवरणी पर बहस और मतदान, विनियोग विधेयक का प्रस्तुतिकरण.
• 1 और 2 मार्च: बैठक नहीं होगी.
• 3 मार्च: प्रश्नकाल, राज्य का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया जाएगा.
• 4 और 5 मार्च: प्रश्नकाल, बजट पर बहस.
• 6 और 7 मार्च: बजट की अनुदान मांगों पर बहस, सरकार का उत्तर और मतदान.
• 8 और 9 मार्च: बैठक नहीं होगी.
• 10 और 11 मार्च: बजट की अनुदान मांगों पर बहस, सरकार का उत्तर और मतदान.
• 12 से 16 मार्च: बैठक नहीं होगी.
• 17 से 21 मार्च: बजट की अनुदान मांगों पर बहस, सरकार का उत्तर और मतदान.
• 22 और 23 मार्च: बैठक नहीं होगी.
• 24 मार्च: बजट की अनुदान मांगों पर बहस, सरकार का उत्तर और मतदान.
• 25 और 26 मार्च: प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक और अन्य शासकीय कार्य.
• 27 मार्च: प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक और अन्य शासकीय कार्य.
विपक्ष का रुख और संभावित चर्चा
इस बजट सत्र के दौरान विपक्षी दलों की ओर से सरकार की विभिन्न नीतियों पर सवाल उठाए जाने की संभावना है. भाजपा और अन्य विपक्षी दल सरकार पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोप लगा सकते हैं. वहीं, सत्ता पक्ष अपने विकास कार्यों और योजनाओं को जनता के हित में बताते हुए विपक्ष के हमलों का जवाब देगा. साइबर अपराध, बेरोजगारी, औद्योगिक विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार जैसे विषयों पर सदन में गहन चर्चा की संभावना है. राज्य सरकार अपने बजट में इन विषयों को विशेष प्राथमिकता देने का प्रयास करेगी.