स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने एक अहम फैसला लेते हुए इस वर्ष राज्य के सरकारी स्कूल के सभी बच्चों को अगली कक्षा में प्रोमोट करने का निर्णय लिया है। सभी सरकारी स्कूलों में परीक्षा आयोजित की जाएगी जिसके बाद परीक्षा के आधार पर सभी छात्रों का आकलन कर उनका वर्गीकरण किया जाएगा। इस परीक्षा के आधार पर कमजोर छात्रों के लिए विशेष कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा 8वीं 9वीं व 11वीं कक्षाएं शुरू करने का प्रस्ताव आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा गया है। जिस पर स्वीकृति मिलने पर मार्च से कक्षाएं शुरू हो जाएगी। ये विशेष कक्षा मई तक चलेगी।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राहुल ने जेसीईआरटी से सरकारी स्कूल के बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट करने की प्रक्रिया में प्रस्ताव मांगा है। जिसमें जेसीईआरटी द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार कक्षा संचालन के दो से तीन माह के बाद बच्चों के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में किसी भी बच्चे को फेल न कर, सभी बच्चों को अगली कक्षा में प्रोमोट किया जाएगा। इस परीक्षा का उद्देश्य बच्चों के शैक्षणिक स्तर की जांच करना है। जिसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा कि कोरोना काल में विद्यालय बंद होने से उनकी पढ़ाई के किस स्तर तक प्रभावित हुई है।
शैक्षणिक स्तर न प्राप्त करने वाले बच्चों को प्रोमोशन के साथ उनके लिए ब्रिज कोर्स चलाया जाएगा। इस ब्रिज कोर्स की रूपरेखा जेसीईआरटी द्वारा तैयार किया जाएगा। इस कोर्स की अवधि 2 माह की होगी। इस कोर्स के अंतर्गत बच्चों को उसी विषय की कक्षा करनी होगी जिसमें वो कमजोर होंगे।
राज्य में कोविड-19 के कारण 17 मार्च 2020 से विद्यालय बंद है। वहीं कक्षा 10वीं व 12वीं की कक्षाएं 31 दिसंबर से शुरू हो गई थी पर अन्य कक्षाएं अभी शुरू नहीं हुई है। शिक्षा विभाग द्वारा दौरान बच्चों को ऑनलाइन लर्निंग मटेरियल भेजा जा रहा है पर संसाधन की कमी के कारण 28 फ़ीसदी बच्चों तक ही ऑनलाइन लर्निंग मटेरियल पहुंच रहा है।
इधर, सीबीएसई ने भी नए सत्र को लेकर अपनी गाइडलाइन जारी कर दी है। सीबीएसई बोर्ड ने भी सर्कुलर जारी कर कहा है कि अप्रैल 2021 से सीबीएसई स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत हो जाएगी। इन स्कूलों में भी बच्चों के शैक्षणिक स्तर के आकलन के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी। शैक्षणिक स्तर के अनुसार पढ़ाई की योजना बनाने को कहा गया है। वहीं सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में भी विशेष कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। जिससे लर्निंग गैप जैसी स्थिति से निपटा जा सके। उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार मार्च से आठवीं और इससे ऊपर की कक्षाओं के संचालन की अनुमति दे देगी।