रांची जिले के अनगड़ा थाना क्षेत्र स्थित जोन्हा गांव निवासी अश्वन तिर्की ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) रांची में एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि उनका ट्रैक्टर (JH-01FE-8096) जो सरकारी कार्य के लिए बालू ढो रहा था, उसे राहे के अंचलाधिकारी ने पकड़ा और सिल्ली थाना भेज दिया. ट्रैक्टर का चालक सोमरा मुंडा जोन्हा के ही जराटोली का रहने वाला है.
खनन विभाग ने मांगी रिश्वत
28 अप्रैल को सिल्ली थाना प्रभारी ने अश्वन तिर्की को सूचित किया कि उनके ट्रैक्टर का चालान रांची जिला खनन कार्यालय भेज दिया गया है और उन्हें रांची जाकर फाइन भरना होगा. अश्वन तिर्की जब 2 मई को जिला खनन कार्यालय पहुंचे, तो वहां के कर्मचारी अब्दुल हाफिज ने उनसे कहा कि ट्रैक्टर छोड़वाने के लिए 10,000 रुपये ऑनलाइन जुर्माना और 42,000 रुपये नकद रिश्वत देनी होगी.
शिकायत के बाद ACB की सक्रियता
रिश्वत देने से इनकार करते हुए अश्वन तिर्की ने पूरे मामले की शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) रांची में दर्ज करवाई. एसीबी ने जांच की और पाया कि आरोप सही हैं. इसके आधार पर 4 मई को एसीबी थाना रांची में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.
कंप्यूटर ऑपरेटर ने ली रिश्वत, रंगे हाथ गिरफ्तार
5 मई को एसीबी ने ट्रैप की योजना बनाई. इस दिन मुख्य आरोपी अब्दुल हाफिज कार्यालय नहीं आया. उसकी जगह कंप्यूटर ऑपरेटर बिंदेश तिर्की ने खुद को आगे किया और कहा कि वह काम करवा देगा, लेकिन इसके बदले में उसे 2,000 रुपये चाहिए. बाक़ी राशि अब्दुल हाफिज को दी जाएगी. जैसे ही बिंदेश तिर्की ने रिश्वत की रकम ली, एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. बिंदेश तिर्की गुमला जिले के ढिढोली नकटी टोली का रहने वाला है और खनन विभाग में आउटसोर्सिंग के तहत कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है.
मुख्य आरोपी की तलाश, जांच जारी
हालांकि, इस मामले का मुख्य आरोपी अब्दुल हाफिज अभी फरार है. एसीबी की टीम उसकी तलाश में जुटी हुई है और अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. ACB अधिकारियों का कहना है कि जो भी इस भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.