टाटा स्टील टिनप्लेट में बोनस समझौता, कर्मचारियों को मिलेगा अधिकतम एक लाख रुपए तक बोनस……

टाटा स्टील के बाद अब टाटा स्टील टिनप्लेट डिवीजन, जिसे पहले टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, में भी बोनस समझौता हो गया है. इस समझौते के तहत टिनप्लेट के कर्मचारियों को इस साल अधिकतम 1,00,694 रुपए बोनस मिलेगा. कंपनी ने इस बार कर्मचारियों को 17.89 प्रतिशत बोनस देने का निर्णय लिया है. समझौते के अनुसार, टिनप्लेट के 860 कर्मचारियों के बीच कुल 4 करोड़ 68 लाख रुपए बोनस के रूप में वितरित किए जाएंगे.

पिछले साल की तुलना में इस बार कम बोनस राशि

पिछले साल की तुलना में इस बार कर्मचारियों को मिलने वाली कुल बोनस राशि कम है. पिछले वर्ष 895 कर्मचारियों को 20 प्रतिशत के हिसाब से 5 करोड़ 31 लाख 70 हजार 319 रुपए बोनस के रूप में दिए गए थे. इस बार कर्मचारियों की संख्या भी थोड़ी कम है, लेकिन बोनस का प्रतिशत भी कम होकर 17.89 प्रतिशत रह गया है. इसके बावजूद कंपनी प्रबंधन और यूनियन के बीच आपसी सहमति से बोनस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

बोनस की गणना और वितरण

इस बार के बोनस समझौते के तहत कर्मचारियों के लिए बोनस की अधिकतम सीमा 1,00,694 रुपए तय की गई है. इसके विपरीत, पिछले साल टिनप्लेट के पुराने ग्रेड के कर्मचारियों को अधिकतम 85,122 रुपए और न्यूनतम 53,897 रुपए बोनस के रूप में मिले थे. वहीं, एनएस ग्रेड के कर्मचारियों को अधिकतम 64,034 रुपए और न्यूनतम 19,728 रुपए बोनस मिला था. बोनस की गणना कंपनी के लाभ और प्रदर्शन के आधार पर की जाती है, जिसमें कर्मचारियों के वेतन और उनकी सेवाओं का भी ध्यान रखा जाता है. बोनस वितरण के इस फैसले से कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर है, क्योंकि यह त्योहारों के मौसम में उनकी आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगा.

बोनस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख लोग

बोनस समझौते पर कंपनी प्रबंधन और यूनियन के प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी. यूनियन की ओर से अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय, उपाध्यक्ष परविंदर सिंह सोहल, महामंत्री मनोज कुमार सिंह, वाइस प्रेसिडेंट सतनाम सिंह, गौतम दे, मुन्ना खान, अस्सिटेंट सेक्रेटरी वकील खान, साईं बाबू राजू, जगजीत सिंह, कोषाध्यक्ष संजय कुमार, सह कोषाध्यक्ष भूपेंद्र कुमार सिंह ने हस्ताक्षर किए. इन सभी नेताओं ने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए समझौता किया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी कर्मचारियों को उनके योगदान के अनुसार उचित बोनस मिले. समझौते की प्रक्रिया के दौरान यूनियन और प्रबंधन के बीच अच्छे संवाद और आपसी समझदारी ने एक सकारात्मक परिणाम दिया है.

कंपनी प्रबंधन और यूनियन के बीच समझौता

कंपनी प्रबंधन और यूनियन के बीच इस तरह के समझौते कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच बेहतर संबंधों को दर्शाते हैं. टिनप्लेट कंपनी ने अपने कर्मचारियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए बोनस देने का निर्णय लिया है. यह कदम न केवल कर्मचारियों की मेहनत और योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि कंपनी की ओर से उनके भविष्य की स्थिरता और प्रोत्साहन के रूप में भी देखा जा सकता है.

कर्मचारियों की उम्मीदें और भविष्य की योजनाएं

बोनस समझौते के बाद, कर्मचारियों में संतोष और कंपनी के प्रति विश्वास बढ़ा है. यह समझौता उन सभी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो कंपनी के साथ लंबे समय से जुड़े हुए हैं और इसके विकास में अपना योगदान दे रहे हैं. यूनियन के नेताओं ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में भी कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. इस तरह के बोनस समझौते कर्मचारियों को प्रेरित करते हैं और उनकी उत्पादकता को भी बढ़ाते हैं. जब कर्मचारियों को उनके योगदान का उचित मान मिलता है, तो वे और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित होते हैं. टिनप्लेट कंपनी का यह फैसला त्योहारों के इस सीजन में कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा.

टिनप्लेट में बोनस समझौते का महत्व

टिनप्लेट में हुए इस बोनस समझौते का महत्व सिर्फ आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि कर्मचारियों के मनोबल और कंपनी के साथ उनके जुड़ाव को भी दर्शाता है. जब कंपनी और यूनियन मिलकर इस तरह के फैसले लेते हैं, तो इससे न केवल कामकाजी माहौल सुधरता है, बल्कि कर्मचारियों का विश्वास भी बढ़ता है. इस समझौते के साथ, टिनप्लेट कंपनी ने यह सुनिश्चित किया है कि वे अपने कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और उनके हर छोटे-बड़े योगदान की सराहना करते हैं. कंपनी की ओर से इस तरह के प्रोत्साहन नीतियों का जारी रहना भविष्य में भी कर्मचारियों की संतुष्टि और उनकी उत्पादकता को बढ़ाने में मदद करेगा.

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