कड़े परिश्रम का फल देर से ही सही मगर मिलता ज़रूर है। और इस बात को साबित किया है बोकारो के रहने वाले अविनाश ने। अविनाश ने UPSC की परीक्षा में 17वीं रैंक प्राप्त कर के बोकारो का नाम रौशन किया है। इससे पहले वो दो बार असफल रहे मगर कभी हार नहीं मानी। उन्होंने कहा कि इस कामयाबी की वजह लगन से कोचिंग और सेल्फ स्टडी रही। अविनाश ने सेक्टर पाँच स्थित चिन्मय विद्यालय से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। वह सिटी सेंटर सेक्टर चार के एक हॉस्टल में रहा करते थे और हॉस्टल में रहते हुए उन्होंने 12वीं में 93.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। वह सत्र 2013-14 में 12वीं के छात्र थे। स्कूल के छात्रों को सफलता के गुण बताने के लिए जून में बोकारो आएँगे जहां उन्हें स्कूल प्रबंधन कमेटी की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूल में शिक्षकों ने उनकी क़ाबिलियत को पहचाना और उसे निखारने में उनकी मदद की। उन्हें अपनी प्रतिभा निखारने के लिए और लीडरशिप क्वालिटी डेवलप करने के लिए कई मौक़े मिले। इसके अलावा उन्हें स्कूल में कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया और साथ ही अंग्रेज़ी में सवर्ण पदक से सम्मानित भी हुए।
अविनाश का कहना है की यूपीएससी की परीक्षा में दो बार असफल होने के बावजूद हार ना मानना ही इस परिणाम की वजह बनी। यूपीएससी की तैयारी में जुटे छात्रों को भी उन्होंने यही सलाह दी की मेहनत और लगन से पढ़ाई करें व सेल्फ स्टडी पे विशेष रूप से ध्यान दें। सेल्फ स्टडी से साथ साथ परिश्रम और धैर्य रखना भी अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि परिस्तिथियाँ अक्सर विपरीत रह सकती हैं। ऐसे में उनसे घबराना नहीं है।