धनबाद और रांची में भाजपा का स्पेशल प्लान तैयार, बनेगा आईटी सेंटर, होगी रणनीति पर काम…..

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं. इस बार पार्टी पूरी तरह से टेक्नोलॉजी के सहारे चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रही है. इसके तहत सीमावर्ती राज्यों खासकर झारखंड के प्रमुख शहरों धनबाद और रांची में भाजपा आईटी सेंटर स्थापित करने जा रही है. इन केंद्रों के जरिए न केवल बंगाल के मतदाताओं तक डिजिटल तरीके से पहुंच बनाई जाएगी, बल्कि चुनावी रणनीति, रिसर्च और डाटा कलेक्शन का बड़ा काम भी यहीं से संचालित होगा.

क्यों जरूरी हैं ये आईटी सेंटर?

भाजपा की योजना के मुताबिक धनबाद और रांची जैसे सीमावर्ती शहरों में आईटी सेंटर इसलिए बनाए जा रहे हैं क्योंकि ये क्षेत्र पश्चिम बंगाल से सटे हुए हैं और यहां से बंगाल के कई इलाकों में डिजिटल नेटवर्क के जरिए आसानी से पहुंच बनाई जा सकती है. इन सेंटरों के माध्यम से मतदाताओं को मोबाइल, सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए भाजपा की नीतियों और योजनाओं से जोड़ा जाएगा. साथ ही यहां से उन सीटों पर विशेष नजर रखी जाएगी जहां भाजपा को जीत की संभावना अधिक है या जहां अब तक पार्टी को मजबूती नहीं मिली है.

रणनीति का बड़ा केंद्र बनेंगे ये शहर

धनबाद और रांची को रणनीतिक रूप से इसलिए चुना गया है क्योंकि ये न केवल बंगाल की सीमा से जुड़े हैं, बल्कि यहां भाजपा का सांगठनिक ढांचा भी मजबूत है. इन शहरों में पहले भी भाजपा द्वारा बंगाल के लिए रणनीतिक कार्य किए जा चुके हैं. पार्टी के बड़े नेता जब बंगाल के सीमावर्ती इलाकों जैसे पुरुलिया या आसनसोल का दौरा करते हैं, तो अक्सर रांची, धनबाद या बोकारो से होकर ही जाते हैं. ऐसे में यहां आईटी सेंटर की स्थापना से बंगाल के मिशन 2026 को धार देने में मदद मिलेगी.

क्या काम करेगा ये आईटी सेंटर?

आईटी सेंटर का काम केवल सोशल मीडिया अभियान चलाना नहीं होगा, बल्कि यह एक तरह का चुनावी वार रूम होगा. यहां बैठकर भाजपा के तकनीकी और चुनावी विशेषज्ञ बंगाल के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों का विश्लेषण करेंगे. कौन सी सीट पर किस उम्मीदवार की स्थिति मजबूत है, किन मुद्दों पर जनता का मूड बन रहा है, किस क्षेत्र में कौन सी जाति या वर्ग की अधिकता है, आदि आंकड़ों को जुटाकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी. इसके अलावा यह भी तय किया जाएगा कि किस सीट पर किस तरह के प्रचार की जरूरत है – कहीं धार्मिक भावनाएं असर करती हैं, तो कहीं विकास का मुद्दा बड़ा होता है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए डिजिटल प्रचार की रूपरेखा बनाई जाएगी और सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप, वीडियो मैसेज, ऑडियो कॉल जैसे माध्यमों से मतदाताओं तक भाजपा की बात पहुंचाई जाएगी.

इस महीने होगी अहम बैठक

सूत्रों के अनुसार, जून महीने में ही पश्चिम बंगाल भाजपा के कई बड़े नेता रांची पहुंचने वाले हैं. यहां वे झारखंड भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर आगे की चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे. बैठक में आईटी सेंटर की स्थापना, उसमें तैनात किए जाने वाले तकनीकी कर्मियों, फील्ड वर्करों, डाटा एनालिस्ट्स और सोशल मीडिया टीम के चयन पर विचार किया जाएगा. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद ही सेंटरों की स्थापना का काम शुरू होगा और बंगाल में मिशन 2026 के लिए डिजिटल रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा.

2026 में होंगे विधानसभा चुनाव

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव मार्च 2026 में संभावित हैं. ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ भाजपा इस बार और अधिक मजबूत चुनौती देने की तैयारी में है. 2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने राज्य में विपक्ष की भूमिका मजबूत की थी, लेकिन सरकार बनाने से दूर रह गई थी. अब पार्टी ने तय किया है कि 2026 के चुनावों में बंगाल में सत्ता की चाबी उसके हाथ में होनी चाहिए.

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