भाजपा की चुनावी तैयारियां: प्रत्याशियों के पैनल पर काम हुआ शुरू..

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी राज्य विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने पर विमर्श पूरा कर लिया है. इसके बाद अब पार्टी ने प्रत्याशियों के पैनल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पार्टी के चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा ने अपने हालिया दौरे में सभी सीटों पर संभावित प्रत्याशियों के पैनल बनाने के निर्देश दिए हैं.

संभावित प्रत्याशियों के पैनल की तैयारी
पार्टी की कोर समिति प्रत्याशियों के नामों का पैनल तैयार करेगी, जिसे बाद में केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा. प्रत्याशियों का चयन करते समय पार्टी कई महत्वपूर्ण मापदंडों को ध्यान में रख रही है. इनमें प्रत्याशियों की क्षेत्र में सक्रियता, जनता में उनकी छवि, और क्षेत्र में उनकी उपलब्धता प्रमुख हैं. पार्टी यह सुनिश्चित कर रही है कि जो नेता जनता के बीच अधिक लोकप्रिय हैं और जिनका क्षेत्र में अधिक प्रभाव है, उन्हें ही टिकट मिले.

हिमंत बिस्व सरमा और शिवराज सिंह चौहान का रांची दौरा
जुलाई के पहले सप्ताह में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का रांची दौरा प्रस्तावित है. इस दौरे का मुख्य उद्देश्य प्रदेश भाजपा की कोर समिति के साथ मिलकर प्रत्याशियों के नामों का पैनल तैयार करना है. इस दौरान प्रदेश भाजपा की कोर समिति इन दोनों वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप देगी. इसके बाद यह पैनल केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा.

घोषणा पत्र और आरोपपत्र
राज्य विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणा पत्र तैयार है, लेकिन इसे जारी करने से पहले पार्टी गठबंधन सरकार के खिलाफ आरोपपत्र जारी करने की योजना बना रही है. यह आरोपपत्र सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार को उजागर करेगा. संभव है कि शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्व सरमा की उपस्थिति में इसे जारी किया जाए. इस आरोपपत्र के माध्यम से पार्टी जनता को यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि वर्तमान सरकार उनके हित में काम करने में विफल रही है और भाजपा ही एकमात्र विकल्प है जो राज्य को विकास की राह पर ले जा सकती है.

विधायकों की सक्रियता और जनता की राय
भाजपा प्रत्याशियों के नाम तय करते समय विभिन्न मापदंडों पर ध्यान दे रही है. इनमें विधायकों की क्षेत्र में सक्रियता, जनता के बीच उनकी छवि और उनके द्वारा किए गए कार्य शामिल हैं. पार्टी यह सुनिश्चित कर रही है कि जिन नेताओं ने क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाई है और जनता के बीच अपनी मजबूत पहचान बनाई है, उन्हें ही चुनाव में मौका मिले. इसके अलावा, गठबंधन सरकार के खिलाफ समय-समय पर किए गए आंदोलनों में किस नेता ने कितनी भूमिका निभाई है, इसे भी टिकट वितरण के आधार में शामिल किया जा रहा है.

बीते लोकसभा चुनाव का आकलन
बीते लोकसभा चुनाव में विधानसभा क्षेत्र में नेताओं के काम का भी आकलन किया जा रहा है. पार्टी यह देख रही है कि जिन नेताओं ने अपने क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है और जनता के लिए सकारात्मक कार्य किए हैं, उन्हें ही संभावित प्रत्याशियों के पैनल में शामिल किया जाए. इस आकलन के आधार पर पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि चुनावी मैदान में वही नेता उतरें जो जनता की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं और जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विकास कार्यों को अंजाम दिया है.

 

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