बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में उठाई झारखंड में राष्ट्रपति शासन की मांग….

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को लोकसभा में झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की. दुबे ने झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार असफल हो गई है और अब राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र विकल्प है. उनके इस बयान ने झारखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है और इस पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है.

निशिकांत दुबे के आरोप

लोकसभा में बोलते हुए निशिकांत दुबे ने झारखंड में लगातार बढ़ती अपराध दर और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर हो चुकी है और सरकार प्रशासनिक स्तर पर पूरी तरह असफल हो चुकी है. दुबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य में सुशासन लाने में नाकाम रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड में भ्रष्टाचार और अपराध का बोलबाला है और राज्य की जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है.

झारखंड में बढ़ती आपराधिक घटनाएं

निशिकांत दुबे ने अपने भाषण में झारखंड में बढ़ती आपराधिक घटनाओं का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध, माओवादियों की गतिविधियों और सामान्य अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है. दुबे ने कहा कि सरकार इन अपराधों को नियंत्रित करने में पूरी तरह असफल रही है और राज्य में कानून व्यवस्था का कोई भी अनुशासन नहीं बचा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण दे रही है, जिससे अपराधों की संख्या में वृद्धि हो रही है.

भ्रष्टाचार के मुद्दे

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड में सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है और जनता के हितों की अनदेखी की जा रही है. दुबे ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण राज्य की विकास परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं और जनता को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है और उनके खिलाफ मामूली कार्रवाई से काम चला रही है.

विपक्ष की प्रतिक्रिया

निशिकांत दुबे के इन आरोपों पर विपक्ष ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस ने दुबे के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी झारखंड में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रही है. जेएमएम के प्रवक्ता ने कहा कि निशिकांत दुबे के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और राज्य सरकार ने कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में अपराधों की संख्या में कमी आई है और सरकार ने कई अपराधियों को गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलवाई है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी निशिकांत दुबे के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि दुबे के आरोप राजनीतिक लाभ के लिए लगाए गए हैं और उनका कोई आधार नहीं है. सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास और जनता के कल्याण के लिए निरंतर काम कर रही है और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं करेगी.

राष्ट्रपति शासन की मांग

निशिकांत दुबे ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए कहा कि राज्य में मौजूदा सरकार असफल हो चुकी है और अब राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र समाधान है. दुबे ने कहा कि राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार की स्थिति को सुधारने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू करना आवश्यक हो गया है. उन्होंने कहा कि जब तक राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार नहीं होता और जनता को सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलती, तब तक राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए.

आगे की कार्रवाई

निशिकांत दुबे के इन बयानों के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केंद्र सरकार और राष्ट्रपति इस मामले में क्या कदम उठाते हैं. झारखंड की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं. विपक्ष और सरकार के बीच की यह तकरार राज्य की जनता के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव उनके जीवन पर पड़ेगा.

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