भाजपा विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता ने अफीम की खेती को लेकर बड़े अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अफीम की खेती पर की जा रही कार्रवाई केवल खानापूर्ति तक सीमित है और निर्दोष लोगों को भी इसमें फंसाया जा रहा है.
वनकर्मी, पुलिसकर्मी और यूट्यूबर पर आरोप
डॉ. मेहता ने आरोप लगाया कि अफीम की खेती को संरक्षण देने वालों में वनकर्मी, कुछ पुलिसकर्मी, चौकीदार, पारा शिक्षक और यहां तक कि यूट्यूबर भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यह एक संगठित गिरोह की तरह काम कर रहा है, जहां जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से अफीम की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.
बजट सत्र में उठेगा मुद्दा
विधायक शशिभूषण मेहता ने मांग की कि अफीम की खेती में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने घोषणा की कि वह इस गंभीर मुद्दे को आगामी विधानसभा के बजट सत्र में मजबूती से उठाएंगे.
अफीम की खेती का बड़ा नेटवर्क
डॉ. मेहता ने बताया कि झारखंड में हो रही अफीम की खेती का नेटवर्क केवल राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पंजाब और हरियाणा तक फैला हुआ है. उन्होंने आशंका जताई कि अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो यह इलाका पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तरह नशे का केंद्र बन जाएगा.
कानून व्यवस्था पर सवाल
भाजपा विधायक ने कहा कि अफीम की खेती पर प्रशासन की ढील कानून व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है. उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस की शह पर यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है. साथ ही, निर्दोष लोगों को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है, जबकि असली दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है.
सख्त कार्रवाई की मांग
डॉ. मेहता ने राज्य सरकार से मांग की कि अफीम की खेती को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ तुरंत सख्त कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ईमानदारी से कार्रवाई करे तो इस अवैध कारोबार को जड़ से खत्म किया जा सकता है.