राज्य सरकार ने स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल संस्थानों में डॉक्टर्स और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति को सत्यापित करने के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है. इसके लिए एससीवीएचएमएस पोर्टल तैयार किया गया है, जो सभी कर्मचारियों की हाजिरी को ऑनलाइन ट्रैक करेगा.
क्या है बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली?
बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली के तहत सभी डॉक्टर्स और चिकित्सा कर्मचारी अपनी उपस्थिति को बायोमेट्रिक उपकरणों (जैसे फिंगरप्रिंट स्कैनर) के माध्यम से दर्ज करेंगे. इस प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि सभी कर्मचारी समय पर अपनी ड्यूटी पर उपस्थित हों और किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो.
मुख्य बिंदु
- उपस्थिति दर्ज नहीं करने पर कार्रवाई: अगर कोई कर्मचारी अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करता है, तो उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी.पांच दिनों के बाद इस मामले को विशेष ध्यान में लिया जाएगा.
- ऑनलाइन रिकॉर्ड कीपिंग: जिला और राज्य स्तर पर सभी चिकित्सा कर्मचारियों की उपस्थिति को ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा.इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी कर्मचारी अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित न हो.
- प्रशासनिक निर्देश: प्रधान सचिव ने सभी जिलों को दस दिनों के भीतर इस पोर्टल के पूरी तरह से कार्यान्वित करने के निर्देश दिए हैं.
कर्मचारियों का विवरण भेजें
सभी सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य से कर्मचारियों के नाम, पदनाम, कार्यस्थल और मोबाइल नंबर का विवरण भेजने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा, कर्मचारियों की हाजिरी की निगरानी के लिए हर चिकित्सा केंद्र पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा.
नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी
नोडल अधिकारी का कार्य होगा कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी कर्मचारी अपनी उपस्थिति बायोमेट्रिक उपकरणों के माध्यम से दर्ज करें. इसके साथ ही, नोडल अधिकारी को यह भी देखना होगा कि पोर्टल पर उपस्थिति के रिकॉर्ड सही तरीके से दर्ज हों.
स्वास्थ्य विभाग की योजना
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इस प्रणाली से कर्मचारियों की उपस्थिति को सटीक तरीके से मॉनिटर किया जा सकेगा. इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि सभी चिकित्सा कर्मचारी अपने निर्धारित समय पर कार्य स्थल पर उपस्थित हों, जिससे मरीजों को बेहतर सेवा मिल सके.
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
कर्मचारियों ने इस नई प्रणाली का स्वागत किया है, हालांकि कुछ ने इसके कार्यान्वयन में संभावित तकनीकी समस्याओं को लेकर चिंता जताई है. उनका मानना है कि यह प्रणाली कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करेगी, लेकिन इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए तकनीकी समर्थन और प्रशिक्षण आवश्यक होगा.
भविष्य की योजनाएं
स्वास्थ्य विभाग ने योजना बनाई है कि अगर यह प्रणाली सफल रहती है, तो इसे राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में लागू किया जाएगा. इसके साथ ही, विभाग यह भी सुनिश्चित करेगा कि इस प्रणाली का उपयोग करते समय किसी प्रकार की तकनीकी समस्याएं न आएं.